X
Login
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
Login With Facebook
iChowk
Aaj Tak
বাংলা
Aaj Tak Campus
GNTTV
Lallantop
India Today
Business Today
Cosmopolitan
Harper's Bazaar
Reader's Digest
Northeast
Malayalam
Sports Tak
Crime Tak
Astro Tak
Gaming
Brides Today
Ishq FM
सियासत
समाज
संस्कृति
स्पोर्ट्स
सिनेमा
सोशल मीडिया
इकोनॉमी
ह्यूमर
टेक्नोलॉजी
वीडियो
लॉगिन करें
मोबाइल नंबर
(+91)
Submit
or
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
*
OTP डालें
OTP फिर भेजें
OTP फिर भेजें
Submit
New
अपनी स्टोरी, कविता या कहानी साझा करें...
चर्चा में
महाराष्ट्र
औरंगजेब
ज्ञानवापी मस्जिद
कांग्रेस
राहुल गांधी
योगी आदित्यनाथ
यूपी विधानसभा चुनाव 2022
रूस यूक्रेन विवाद
नरेंद्र मोदी
पंजाब चुनाव
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022
अखिलेश यादव
ओमिक्रॉन वेरिएंट
ममता बनर्जी
कोरोना वायरस
अफगानिस्तान
ऑक्सीजन
पश्चिम बंगाल चुनाव 2021
कोरोना वैक्सीन
किसान आंदोलन
भारत-चीन
अमित शाह
प्रियंका गांधी
टीम इंडिया
विराट कोहली
अरविंद केजरीवाल
अरुण जेटली
ह्यूमर
| 4-मिनट में पढ़ें
नवेद शिकोह
@naved.shikoh
आखिरकार भगवंत मान गए, शराब बड़ी खराब है...
होली पर एक मित्र दार्शनिक हो गए. कहने लगे होली का त्योहार राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना भी व्यक्त करता है. राष्ट्रवादियों और समाजवादियों के क्रमशः राष्ट्रवाद और समाजवाद को राष्ट्रहित के सूत्र में बांधता है. गरीब से लेकर मध्यम वर्ग और अमीर सभी बराबर मात्रा में शराब का ख़ूब टेक्स देकर सरकारों को भारी-भरकम राजस्व देते हैं.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
जहरीली शराब के शिकार लोगों से कैसी सहानुभूति? नीतीश कुमार सही तो कह रहे हैं
बिहार में जहरीली शराब पीने से हुई लोगों की मौत के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक बयान वायरल हो रहा है. बयान में नीतीश ने कहा है कि शराब पीयोगे तो मरोगे ही. भले ही नीतीश के इस बयान पर नीतीश की आलोचना हो. लेकिन जब हम अस्पताल से आती तस्वीरों को देखें, तो नीतीश कहीं भी गलत दिखाई नहीं पड़ते.
ह्यूमर
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
शराब पीने वालों के पक्ष में जीतनराम मांझी के अतरंगी लॉजिक को हल्के में मत लीजिए
जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के बयान के मद्देनजर, शराबियों के हर ग्रुप में ऐसा एक शख्स होना अनिवार्य यानी मेंडेटरी होता है. जो सिर्फ एक क्वार्टर ही पीता हो. इतना ही नहीं, संतुलित व्यवहार वाला भी हो. क्योंकि, सभी शराबियों को पता है कि एक क्वार्टर पीने वाला शख्स कभी नशे में आउट नहीं होता है. और, शराब पीकर आउट होने वालों को तो खुद शराबी अच्छी नजर से नहीं देखते हैं.
समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
डार्लिंग्स की बदरू की तरह पति को सबक सिखाने वाली रजनी ने बहादुरी का काम नहीं किया है
पति शराबी था तो पत्नी ने गला दबाकर उसे जान से मार डाला, अब यह बहादुरी का काम तो नहीं है...इस सच्ची घटना के बारे में जानकर आपको डार्लिंग्स की किरदार बदरुन्निसा की याद आ जाएगी...
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
निधिकान्त पाण्डेय
@1nidhikant
आखिर कैसे दिल्ली में आबकारी नीति के झोल में फंस गए हैं पीने-पिलाने वाले?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शराब की बिक्री बढ़ाने और दिल्ली सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी के मकसद से शराब की नई नीति लागू की थी. ये नीति 17 नवंबर 2021 से लागू की गई थी. केजरीवाल सरकार ने शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 साल कर दी. इसके साथ ही दिल्ली में ड्राइ डे भी घट गए. अब पूरी नीति कठघरे में पहुंच गई है.
ह्यूमर
| 4-मिनट में पढ़ें
सरिता निर्झरा
@sarita.shukla.37
पियक्क्ड़ों की बस एक पुकार, उन्हें मिले 'शुद्ध' दारू का अधिकार!
पियक्क्ड़ो के अधिकार के लिए आवाज़ उठी है. एक अकेली चीज़ यानी शराब, जो हर धर्म जाति को परे कर ऊंच नीच की दिवार गिराकर देश को एक करने का माद्दा रखती है. उसकी मिलावट पर सख्त से सख्त सजा का एलान होना चाहिए!
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
लॉकडाउन पर शराब का स्टॉक करने वाले तो प्रलय आने पर भी नहीं सुधरेंगे!
तमाम राज्यों की तरह तमिलनाडु भी कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर गंभीर है और राज्य सरकार ने तमाम तरह की पाबंदियां लगा दी हैं. ऐसे में जैसा लोगों का रवैया है, साफ पता चलता है कि उनकी प्राथमिकता महामारी से बचना नहीं बल्कि शराब और उसे धड़ल्ले से पीना है.
ह्यूमर
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
'खुद की खोज' करते शराबी तुर्क ने पियक्कड़ बिरादरी के बीच मील का पत्थर रख दिया है!
तुर्की में जो शराबी ने किया है कह सकते हैं कि पीकर एन्जॉय करने का ऐसा भी क्या फायदा कि आदमी खुद को ही भूल जाए. बहरहाल तुर्की में जो हुआ उसने दुनिया के सभी पियक्कड़ों को बड़ा मैसेज दिया है.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
शराब की घर पहुंच सेवा देकर छत्तीसगढ़ सरकार कोरोना पीड़ितों को क्या संकेत दे रही है?
आदिवासी बहुल राज्य छत्तीसगढ़ की अधिकांश आबादी गांवों और जंगलों में बसे गांवो-बस्तियों में रहती है. मीडिया रिपोर्ट्स में ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण के बड़े स्तर पर फैलने की खबरें आ रही हैं. लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार ने चिंता पाली है शराबियों की, और शराब कारोबारियों की. शराब की घर पहुंच सेवा शुरू करवाई जा रही है.