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संस्कृति
| बड़ा आर्टिकल
अशोक भाटिया
झूलेलाल और हेमू कालानी, एक धर्म के लिए मशहूर हुआ, दूसरा देश की आजादी के लिए
23 मार्च 2023 को झूलेलाल जी की जयंती है. इस दिन को सिंधी समाज के लोग चेटीचंड उत्सव के रूप में मनाते हैं. इस दिन वे अपने आराध्य देव झूले लाल को याद करते हैं. कोई इन्हें संत कहता है तो कोई फकीर, जो भी हो हिन्दू मुस्लिम दोनों इन्हें मानते हैं. यह सिन्धी समाज के ब्रह्मा, विष्णु, महेश, ईश्वर, अल्लाह से भी बढ़कर हैं. इसी दिन महान स्वतंत्रता सेनानी हेमू कालानी का भी जन्म दिन है.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
सुशोभित सक्तावत
@sushobhit.saktawat
मुग़ल राज खत्म करने वाले अंग्रेजों ने क्यों बनवाया था मुग़ल गार्डन, जानिए बागों की परंपरा को...
1911 में फिरंगियों ने रायसीना हिल पर आलीशान वाइसरॉय हाउस बनाया, जो अब राष्ट्रपति भवन कहलाता है. तत्कालीन वाइसरॉय हार्डिंग साहब की मेमसाब को गार्डन-आर्किटेक्चर का बड़ा शौक़ था. यह लेडी हार्डिंग का ही प्रभाव था कि लुटियन्स साहब ने वाइसरॉय हाउस के गार्डन को चारबाग़ शैली में बनाने का फ़ैसला लिया और उसे नाम दिया- 'मुग़ल गार्डन'. क्योंकि वह मुग़ल शैली का बाग़ था.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
Arvind Kumar Sharma
काकोरी ट्रेन एक्शन डे: जानिये काकोरी में ऐसा क्या हुआ जिसने तब अंग्रेजों के होश उड़ा दिए!
युद्ध का मैदान हो या स्वतंत्रता संग्राम हो, दुश्मन भारत पर कभी भारी नहीं पड़ा, भारत कमज़ोर हुआ तो घर के भेदियों के कारण, काकोरी में ट्रेन लूटने वाले क्रांतिकारी भी शायद कभी पकड़े नहीं जाते, लेकिन उन्हीं के दो साथी अंग्रेजो के मुखबिर बन गये और काकोरी के नायक पकड़े गए.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
Jyoti Verma
'मैं अपनी झाँसी नहीं दूंगी', विद्रोह का यह कथन स्वाधीनता क्रांति का प्रथम बीज था
ब्रिटिश जनरल ह्यूरोज ने शहादत स्थल पर और अपनी ऑफिशियल डायरी में भी महारानी लक्ष्मीबाई की वीरता को सैल्यूट करते हुए कहा था कि, वह विद्रोही नेताओं में सबसे अधिक बहादुर और खतरनाक थी. आज महारानी लक्ष्मी बाई की जयंती पर जानिये उनके जीवन से जुड़े कुछ पहलू...
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
आईचौक
@iChowk
हिंदू मंदिरों को भी वक्फ एक्ट की तरह सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की क्यों हो रही है मांग?
तमिलनाडु में 1500 साल पुराने एक मंदिर पर वक्फ बोर्ड के अपना दावा ठोक देने के बाद से ही वक्फ एक्ट सुर्खियों में है. और, अब हिंदू मंदिरों को भी सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग की जाने लगी है. आइए जानते हैं कि क्या है हिंदू धर्म दान एक्ट (Hindu Religious and Charitable Endowments Act), जो मंदिरों पर सरकारों को नियंत्रण की देता है खुली छूट...
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
'राजपथ' के नाम पर रार क्यों, गुलामी की छाप मिटाना हर भारतीय का 'कर्तव्य' है
मोदी सरकार (Modi Government) ने दिल्ली में राजपथ (Rajpath) का नाम बदलकर कर्तव्यपथ (Kartavya Path) करने का फैसला लिया है. गुलामी (Slavery) की सोच से मुक्ति दिलाने पर बाबर, अकबर, हुमायूं, तुगलक, औरंगजेब जैसे मुगल आक्रांताओं के नामों पर बनी सड़कें और बख्तियार खिलजी जैसे हिंदुओं के संहारक के नाम पर बसे कस्बों के नाम बदलना भी हमारा ही 'कर्तव्य' है.
सोशल मीडिया
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
टेक्सास से आया वीडियो हर भारतीय को गुस्सा दिलाने, उसका खून खौलाने के लिए काफी है...
टेक्सास के डलास से आए वायरल वीडियो में, जिस तरह मैक्सिकन-अमेरिकी महिला भारतीय महिलाओं के एक समूह के साथ बदतमीजी और मारपीट कर रही है. कहीं न कहीं इस बात की तस्दीख कर देता है कि आज भी भारतीय अन्य देशों के लोगों की आंखों की किरकिरी ही हैं.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
आयुष कुमार अग्रवाल
@100006809583831
कभी आजादी का केंद्र मगर अब गुमनाम होने की कगार पर है गढ़वाल की सबसे पुरानी मंडी दुगड्डा!
किसी ज़माने में उत्तराखंड में कोटद्वार के पास स्थित दुगड्डा, अपने विशेष ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता था और किसी परिचय का मोहताज नहीं था. लेकिन जैसे आज के हाल हैं.दुगड्डा अपनी पहचान खो रहा है और यहां के लोग पलायन को मजबूर हैं.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
अजीत कुमार मिश्रा
@ajitmishra78
Bhagat Singh की शहादत का भारत में वामपंथी शोषण
भगत सिंह वामपंथी थे या नहीं ये पूरी तरह से कहा नहीं जा सकता. लेकिन वामपंथियों को जब लगा कि भगत सिंह को अपना बना कर पेश करने में उनकी भलाई है. तो वो भगत सिंह की तस्वीरों और उनकी जीवनी को इस तरह से पेश करने लगे जैसे भगत सिंह से बड़ा देश में कोई भी क्रांतिकारी पैदा ही नहीं हुआ था.