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सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
Niket Sanghani
@5786688378043079
2017 के बाद गुजरात में हर साल होते रहे हैं विधानसभा चुनाव, जानिए क्या है वजह
राजनीति में समीकरण लगातार बदलते रहते हैं. और, ये समीकरण सत्ता परिवर्तन की ओर ले जाते हैं. 2017 के गुजरात चुनाव (Gujarat Election) से पहले भी इसी तरह के समीकरण तैयार किए गए थे. तब हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी ने अपने अलग-अलग आंदोलनों और सक्रियता के कारण भाजपा के लिए राह मुश्किल कर दी थी.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
सीएम योगी से मिलने पहुंचे निरहुआ ने आम्रपाली दुबे का पॉलिटिकल करियर भी सेट करा दिया है!
निरहुआ और आम्रपाली दुबे की बॉन्डिंग किसी से छिपी नहीं थी. ऐसे में जिस तरह उन्होंने आजमगढ़ जीतने के बाद योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात की और जिस तरह वहां आम्रपाली दुबे भी मौजूद रहीं साफ़ है कि अब आम्रपाली का भी पॉलिटिकल करियर निरहुआ ने सेट करा दिया है.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
नवेद शिकोह
@naved.shikoh
सपा को हार ने दिये हौसले और भाजपा को जीत ने किया चिंतित
जल्द ही उत्तर प्रदेश में उपचुनाव होने वाला है जो न सिर्फ योगी आदित्यनाथ के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि जिसे मायावती, अखिलेश यदव और प्रियंका गांधी तक के लिए खासा अहम माना जा रहा है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
आलोक रंजन
@alok.ranjan.92754
क्या पश्चिम बंगाल में बीजेपी के लिए 'टारगेट-26' संभव है?
बंगाल में पंचायत चुनावों के नतीजों से उत्साहित भाजपा ने अपनी कमर कस ली है और जिस तरह अमित शाह रणनीति बना रहे हैं जल्द ही हमें बंगाल में भी कमल खिलता दिखेगा.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
भंडारा गोंडिया उपचुनाव में हार ने बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है !
भंडारा-गोंडिया के सभी पांच बीजेपी विधायकों ने इसे खुद को नजरअंदाज करने के लिए फड़नवीस को सबक सीखाने का अच्छा मौका पाया.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
मिन्हाज मर्चेन्ट
@minhaz.merchant
बिखरते कुनबे और विपक्षी गठबंधन के बीच पिसती मोदी-शाह की जोड़ी
इसमें कोई शक नहीं है कि मोदी ने भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का नेतृत्व किया है. वित्तीय समावेश, बैंकिंग सुधार और ग्रामीण विद्युतीकरण पर नई योजनाएं लागू की हैं. लेकिन बहुत ही कम रक्षा बजट और शिक्षा-स्वास्थ्य पर खराब खर्च उनकी बड़ी नाकामी है.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
स्वप्रेम तिवारी
@swaprem
कैराना जीत के बाद ब्लू व्हेल चैलेंज गेम शुरू
बुआजी के पास खोने को कुछ नहीं है. भतीजे को पिछले साल का बदला लेना है. नेताजी ने कह ही दिया था- इससे बचके रहना, मेरा बेटा है. ये करके भी दिखाना है. पीएम कैंडिडेट की पार्टी का भी यूपी के बिना काम चलेगा नहीं.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
अनुज मौर्या
@anujkumarmaurya87
14 उपचुनाव में वोटरों ने 'सहानुभूति' तो किनारे पर ही रखी
उपचुनावों के नतीजे दिखाते हैं कि किसी सीट पर तो सहानुभूति का फैक्टर काम कर रहा है तो कहीं पर लोगों ने सहानुभूति को दरकिनार करते हुए उम्मीदवार को चुनने में अन्य फैक्टर्स को भी ध्यान में रखा है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
साहिल जोशी
@sahil.joshi.58
उपचुनाव 2019 का भविष्य भले न बताएं पर गठबंधन का पता तो दे ही देते हैं
अगर बीजेपी जीतती है तो शिवसेना को हर स्तर पर भाजपा का विरोध करने की अपनी नीति पर पुनर्विचार करना होगा. लेकिन यदि बीजेपी हार जाती है और बुरी तरह हार जाती है, तो ये साफ है कि 2019 के लिए सेना-भाजपा गठबंधन नहीं रहेगा.