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सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
Jodhpur Jalori Gate Violence: जानिए अब तक क्या हुआ?
जोधपुर (Jodhpur) के जालोरी गेट इलाके (Jalori Gate Violence) में भगवा झंडा हटाकर इस्लामिक प्रतीकों वाले झंडे लगाने से भड़का सांप्रदायिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. ईद की नमाज के बाद उमड़ी भीड़ ने जालोरी गेट चौराहे पर जमकर उत्पात मचाया. इस दौरान पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया गया.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
दो कार्रवाइयों से UP police की सुधरी छवि चंदौली में चौपट
उत्तर प्रदेश में हुई दो बड़ी घटनाओं ने योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और यूपी पुलिस (UP Police) से जुड़े एकतरफा कार्रवाई के बनाए गए मिथक को चकनाचूर कर दिया था. लेकिन, चंदौली (Chandauli) में गैंगस्टर को पकड़ने गई यूपी पुलिस के हाथों कथित रूप से हुई लड़की की मौत के बाद सब चौपट नजर आ रहा है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
स्वीडन में क्यों भड़के मुसलमान और क्यों हो रहे हैं दंगे? जानिए, क्या है पूरा मामला
ग्लोबल पीस इंडेक्स 2021 में 15वें स्थान पर रहने वाला स्वीडन (Sweden) इन दिनों 'सांप्रदायिक दंगों' की आग में झुलस रहा है. अपने 'बहुसंस्कृतिवाद' और 'शांतिप्रियता' के लिए मशहूर छोटे से इस देश स्वीडन में गाड़ियों को फूंकने से लेकर बाजारों में लूटपाट (Communal Riots) तक की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
नवेद शिकोह
@naved.shikoh
देश में भले दंगे हों, योगी-राज में सब शांति-शांति है...
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में ही इतनी तासीर है कि इस सूबे में साम्प्रदायिक दंगों के कुचक्र पर विराम लग चुका है. यूपी दंगा मुक्त हुआ तो इसकी सार्वाधिक राहत मुस्लिम समुदाय को मिली, वैसे तो हिंसा या दंगा सबके लिए घातक है किंतु भीड़ की हिंसा में उन्हें जान-माल का अधिक नुकसान होता है जिनकी तादाद कम (अल्पसंख्यक) होती है.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
Ram navmi Violence: आखिर भारत में 'संवेदनशील इलाके' बनाए किसने हैं?
देश के कई इलाकों के साथ मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी की शोभायात्रा (Ramnavmi Violence) पर हुई पत्थरबाजी के बाद पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है. यही कारण है कि भोपाल में पुलिस प्रशासन ने हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) पर जुलूस निकालने की इजाजत 16 शर्तों के साथ दी है. क्योंकि, ये जुलूस बुधवारा, इतवारा जैसे 'संवेदनशील इलाकों' से भी निकलना है.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
1931 में गणेश शंकर विद्यार्थी किस 'सांप्रदायिकता' की भेंट चढ़े थे?
सांप्रदायिक दंगों में पत्रकारिता के मापदंड स्थापित करने वाले गांधीवादी पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी (Ganesh Shankar Vidyarthi) की हत्या कर दी गई थी. विद्यार्थी जी दंगाईयों की 'भीड़' को समझाने अकेले ही आगे बढ़ गए थे. लेकिन, अचानक ही आई एक भीड़ ने गणेश शंकर विद्यार्थी की तेज धार वाले हथियारों से नृशंस हत्या कर दी.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
बांग्लादेश की आग त्रिपुरा से होते हुए महाराष्ट्र तक पहुंची, दोष किसका है?
सोशल मीडिया (Social Media) और सिविल सोसाइटी के जरिये सांप्रदायिक मामलों (Communal Violence) या दंगे जैसी स्थिति में प्रोपेगेंडा को हवा देकर देश को कमजोर करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई ही धर्मांधता को कमजोर कर सकती है.
समाज
| बड़ा आर्टिकल
रजत सैन
@rajatsain01
Documentary Dahli: दिल्ली दंगों के निशान तलाशे तो सालभर बाद भी आंसू ही आंसू मिले
दिल्ली दंगों को एक साल हो गया है ऐसे में हमारे लिए ये जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि दंगों के ठीक एक साल बाद दिल्ली के उन स्थानों की हालत कैसी हैं जो पिछले साल नफरत की आग में जल रहे थे और एक दूसरे के खून के प्यासे थे. डॉक्यूमेंट्री 'दहली' देख आप जान सकते हैं कि पीडि़तों की आंखें अब भी नम है.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर'
@siddhartarora2812
Freedom Of Speech का सबसे वीभत्स चेहरा तो शायर मुनव्वर राणा निकले!
एक जाना पहचाना चेहरा होने के बावजूद जिस तरह का बयान शायर मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) ने फ्रांस (France) मामले पर दिया है वो ये साफ़ बताता है कि उन पर कट्टरपंथ बुरी तरह हावी है और उनका असली चेहरा सांप्रदायिक है जो हत्या और सांप्रदायिक हिंसा (सांप्रदायिक हिंसा) का पक्षधर है.