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सिनेमा
| 4-मिनट में पढ़ें
तेजस पूनियां
@1602103889882155
Sirf EK Bandaa Kaafi Hai Movie Review: बेस्ट कोर्ट रूम ड्रामा, जरूर देखना चाहिए
Sirf EK Bandaa Kaafi Hai Movie Review in Hindi: हिन्दी सिनेमा में ढेरों ऐसी फिल्में आईं हैं जिनमें कोर्ट रूम ड्रामा नजर आता है या कथित बाबाओं की कहानियां नजर आती हैं. लेकिन यह फिल्म उन सभी में अपने को शीर्ष पर ले जाकर खड़ा करती है.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
मीडिया की नासमझी है कि एससी के हवाले से जो नहीं हुआ उसे भी आदेश बता दिया!
आदर्श स्थिति होती कि मीडिया खेद प्रकट करती और कहती कि उनके गलत विश्लेषण की वजह से न्यायमूर्ति को स्पष्टीकरण देना पड़ा, 'न्यायाधीश वर्मा स्टे के दायरे में नहीं आएंगे क्योंकि 'योग्यता- सह-वरिष्ठता' का पालन करने पर भी उनकी पात्रता है.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
आपका हर फैसला सिर आंखों पर मीलॉर्ड लेकिन बेवजह टिप्पणी कदापि नहीं
बिना किसी संदर्भ के पता नहीं क्यों विद्वान न्यायमूर्ति वन लाइनर टिप्पणी कर बैठे कि मीडिया उनकी ही फाइंडिंग बताने लगा,'...I hope I don't get misquoted, but in the ranking, we are now at 161, in terms of journalistic freedom.'
सिनेमा
| 5-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
जिंदगी को 'घिनौनी' मानने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी की पत्नी की 'माफी' का असर क्या होगा?
बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी का कहना है कि उनकी जिंदगी बहुत घिनौनी है. वो अगले जन्म कभी भी नवाजुद्दीन सिद्दीकी नहीं बनना चाहेंगे. इसी बीच उनकी पत्नी आलिया सिद्दीकी ने बड़ा कदम उठाते हुए उनके खिलाफ किए गए सारे केस वापस लेने का ऐलान किया है. इतना ही नहीं उन्होंने इसके लिए नवाज से माफी भी मांगी है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
सुप्रीम कोर्ट के बदले रुख से स्पष्ट है, गे कपल की विवाह की चाहत अधूरी ही रहेगी...
हां, सामाजिक संरचना में समलैंगिकों को वे सहूलियतें ज़रूर मिल जायेंगी जिनसे वे वंचित हैं. ऑन ए लाइटर नोट कहें, अन्यथा न लीजिएगा, साजन बिना सुहागन ही सुहाग के फायदे मिल जाएंगे. बिलकुल 'ना' से तो थोड़ा 'हां' हो रहा है तो फ़िलहाल संतोष करें.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
राहुल गांधी की कैंब्रिजीय कहानियों की जमीन कहां है?
भारत में दिए गए राजनीतिक भाषणों की तर्ज परकैंब्रिज में राहुल गांधी ने अपने सामान्य निरर्थक विचारों और झूठे दावों के साथ माहौल बनाने की कोशिश की हो. लेकिन वो अपनी ही कही बातों में कुछ ऐसा उलझे कि कहानी सुनने वाले लोगों के लिए कहानी के सिरे पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो गया.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
क्या 'सुप्रीम' राहत सिर्फ नेताओं और धनाढ्यों के लिए है?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भारत में समानांतर दो न्याय व्यवस्था नहीं हो सकती. एक उनके लिए जो साधन संपन्न, राजनीतिक शक्ति रखने वाले और प्रभावी लोग हैं और दूसरे वे छोटे साधनहीन लोग जिनके पास अन्याय से लड़ने और न्याय पाने की क्षमता नहीं है.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
Akash Singh
@1085985232327365
न्यायपालिका कोशिश करे उसका निष्पक्ष न्याय, निष्पक्ष दिखाई भी दे!
न्यायाधीशों को सेवानिवृत्ति के बाद संवैधानिक पद पर बैठाने की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सर्वोच्च न्यायालय से हाल ही में सेवानिवृत्त हुए न्यायाधीश अब्दुल नजीर को अब आंध्रप्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
उपासना बेहार
जीवन में संविधान: किताब जिसने बता दिया, देश अगर इंसान है तो रीढ़ की तरह है संविधान!
‘जीवन में संविधान’ किताब के लेखक सचिन कुमार जैन पिछले 25 सालों से समाज के मूलभूत विषयों पर अन्य सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर शिक्षण-प्रशिक्षण, शोध, लेखन और मैदानी काम करते आ रहे हैं. वर्तमान में वे सामाजिक नागरिक संस्था ‘विकास संवाद’ के संस्थापक सचिव के रूप में कार्यरत हैं.