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सोशल मीडिया
| 3-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
अचानक हार्टअटैक से हो रही मौतें, सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों पर मत जाइए
बहुत से लोग कोरोना महामारी के दौरान लगाई गई वैक्सीन (Corona Vaccine) पर हार्ट अटैक (Heart Attack) से हो रही मौतों का दोषारोपण कर रहे हैं. इनका दावा है कि वैक्सीन की वजह से लोगों में ब्लड क्लॉटिंग हो रही है. जो हार्ट अटैक का कारण बन रही है. लेकिन, अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौतों को लेकर सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों पर आंख मूंदकर भरोसा मत कीजिए.
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
जिन्होंने कोविड वैक्सीन को हल्के में लिया, ये खबर उनके लिए है!
मुंबई में कोविड संक्रमितों का आंकड़ा सवा लाख को पार कर गया है. मरीजों की इस संख्या के साथ अस्पताल आने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. मुंबई के विषय में हैरत में डालने वाली बात ये है कि जिन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है, उनमें से 96 फीसदी मरीजों ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
ब्रिटेन को 'क्वारंटीन' कर भारत ने किस्सा ही खत्म कर दिया
दुनियाभर के देशों में रंग, नस्ल, जाति, धर्म, अर्थ के नाम पर लोगों से भेदभाव करने की पुरानी परंपरा रही है. शायद ही विश्व में कोई ऐसा देश होगा, जो इस मामले में भेदभाव करने वाली सोच से अछूता रहा हो. बदलते समय के साथ इसमें कई सुधार आए हैं, लेकिन समस्या जस की तस है. वैसे, अब इस भेदभाव वाली लिस्ट में कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का नाम भी जुड़ गया है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
Covid Vaccination के 6 महीने: मोदी सरकार के दावों से दूर ही नजर आ रही हकीकत!
कोरोना संकट के दौर में मोदी सरकार की शीर्ष थिंक टैंक संस्था नीति आयोग ने बीती 13 मई को लोगों के लिए एक राहत देने वाली घोषणा की थी. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने दावा किया था कि भारत में अगस्त से दिसंबर के अंत तक 216 करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध कराई जाएंगी. इसी के साथ वैक्सीन का पूरा रोडमैप भी जारी किया था.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
वैक्सीनेशन पर केंद्र सरकार के दावों से कोसों दूर नजर आ रही है हकीकत!
भारत में पांच एंटी कोविड वैक्सीन अभी भी ट्रायल फेज में हैं. बायो-ई सबयूनिट वैक्सीन की 30 करोड़ डोज अगस्त से दिसंबर के बीच मिलनी हैं, लेकिन यह वैक्सीन ट्रायल के आखिरी दौर में है. जायडस कैडिला और नोवैक्स भी ट्रायल फेज के तीसरे दौर में हैं. वहीं, भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन और जेनोवा की वैक्सीन भी ट्रायल के शुरुआती दौर में हैं.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
प्रभाष कुमार दत्ता
@PrabhashKDutta
Covid Vaccine के बनने और लापता होने की रहस्यमय कहानी!
भारत में टीकाकरण का औसत देश में एंटी कोविड वैक्सीन के घरेलू उत्पादन की तुलना में काफी कम नजर आता है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारत में आबादी के लिहाज से वैक्सीन की मांग बहुत बड़ी है, लेकिन टीकाकरण की गति सरकार द्वारा घोषित किए गए उत्पादन और आपूर्ति क्षमता की तुलना में काफी धीमी है.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
Covaxin vs Covshield vaccine: दो डोज के बीच में क्यों ज्यादा है टाइम गैप, जानिए
आईसीएमआर के हेड डॉ. बलराम भार्गव का कहना है कि कोविशील्ड वैक्सीन का पहला डोज लेने के साथ ही लोगों में एंटीबॉडीज बनने लगती हैं. कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज में टाइम गैप की वजह से लोगों में एंटीबॉडीज बड़ी मात्रा में बनती हैं. कोवैक्सीन के पहले डोज के बाद इम्यूनिटी उतनी नहीं बढ़ती और एंटीबॉडीज बहुत ज्यादा नहीं बनती हैं.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
कोविड वैक्सीनेशन से ब्लड क्लॉटिंग की बात टीकाकरण अभियान में पलीता लगाने से ज्यादा कुछ नहीं!
कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि वैक्सीनेशन की शुरुआत से लेकर अब तक देश के 684 जिलों से 23000 साइड इफेक्ट के मामले सामने आए हैं. जिनमें से 700 मामले गंभीर किस्म के थे. इन मामलों में 498 सीरियस और सीवियर मामलों की जांच के दौरान 26 मामलों में ब्लड क्लॉटिंग के केस मिले हैं.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
अगस्त से मिलेंगी 8 एंटी कोविड वैक्सीन, लेकिन लगेंगी कैसे?
भारत में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या करीब 98 करोड़ है. इनमें से 4.10 करोड़ को लोगों को एंटी कोविड वैक्सीन के दोनों डोज लगाए जा चुके हैं. इस लिहाज से भारत में 18+ की बची हुई 93.9 करोड़ आबादी के दोनों डोज के लिए 187.8 करोड़ एंटी कोविड वैक्सीन की डोज की जरूरत पड़ेगी.