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समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
लोग बकरी, कुत्ते, कुकर और पेड़ से शादी कर सकते हैं, लेकिन पापिन क्षमा बिंदु है!
क्षमा ने अपनी मांग में खुद ही सिंदूर भरकर, मंगलसूत्र पहनकर लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है. कई का मनना है कि वह ऐसी शादी से खुश कैसे हो सकती हैं, जिसमें ना दूल्हा था ना पंडित जी थे. और तो और...वह अकेले हनीमून पर जाने के पाप भी अपने सिर पर ढो रही है.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
महाराष्ट्र के किसान ने 'बकरी बैंक' के जरिये बदल दी कई परिवारों की जिंदगी
कृषि क्षेत्र की समस्याओं को खत्म किए बिना देश की अर्थव्यवस्था को सुधारा नहीं जा सकता है. अब तक की सरकारों ने किसानों के लिए कई योजनाएं लागू कीं. इसके बावजूद किसानों की स्थिति में कोई सुधार होता नहीं दिखा.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
मशाहिद अब्बास
Bakrid 2020 History: बकरीद क्यों मनाते हैं इसे मनाना ज़रूरी क्यों है?
मुसलमानों (Muslims)के बड़े त्योहारों में से एक है बकरीद (Bakreid)का त्योहार, जिसे सभी मुसलमान बड़ी धूमधाम के साथ मनाते हैं. इसका इतिहास और इसका महत्व क्या है और यह मनाते कब हैं इसको लेकर मुसलमानों में एकमत है. यह कुर्बानी कब और कैसे शुरू हुई इसकी कहानी भी दिलचस्प है.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
अनु रॉय
@anu.roy.31
ओ PETA वाले मसीहा, बकरीद पर बकरियों के लिए भी सोचो ज़रा!
गत वर्ष रक्षाबंधन (Raksha bandhan) पर पेटा (PETA) ने एक पोस्टर जारी करते हुए कहा था कि रक्षाबंधन पर लोग चमड़े का इस्तेमाल न करें जबकि इस त्योहार का चमड़े से कोई लेना देना नहीं है वही पेटा आज तब खामोश है जब बकरीद (Bakreid) होने वाली है और करोड़ों बकरे छुरी के नीचे आएंगे.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
सदा सईद
@sadaa.sayed
जानवरों को मारना 'कुर्बानी' नहीं, इसीलिए ईद और बाकी दिनों मैं वीगन (शाकाहारी) हूं
बलिदान का अर्थ है ऐसा कुछ त्याग देना जो वास्तव में आपके लिए अनमोल हो- वो जानवर नहीं जिसे आप सिर्फ खरीद कर लाए हैं. हम सभी क्रूरता के बिना और पशु मुक्त हलाल खाने के साथ अपनी धार्मिक परंपराओं का सम्मान कर सकते हैं.
समाज
| बड़ा आर्टिकल
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
बकरीद के बहाने बकरी के बाजार की बात हो जाए...
बकरीद के चलते बाजार में बकरे के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में जब हम कारण तलाशें तो मिल रहा है कि निर्यात से लेकर कम उत्पादन तक ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिसके चलते ऐसा हो रहा है.
सोशल मीडिया
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
होली, दिवाली और बकरीद: ये त्योहार हैं या समस्या?
सोशल मीडिया के कारण एक अजीब दौर चल पड़ा है, त्योहार आते नहीं और लोग विरोध करना शुरू कर देते हैं. होली और दिवाली जा चुकी है बकरीद आने वाली है और ऐसे में वो लोग सक्रिय हो गए हैं जो इस त्योहार का विरोध करने वाले हैं.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
श्रुति दीक्षित
@shruti.dixit.31
उन 8 लोगों ने साबित कर दिया पृथ्वी का सबसे घिनौना जीव मनुष्य ही है
हरियाणा में 8 लोगों ने मिलकर एक बकरी का गैंगरेप किया और उसकी इतनी बुरी हालत कर दी कि वो मारी गई. अब इसे इंसानियत का अंत नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे?
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
अभिरंजन कुमार
@abhiranjan.kumar.161
गांधीवादियों का दिल उनकी प्रिय बकरियों के लिए क्यों नहीं तड़पता !
दूध देने वाली गाय तो हिन्दूवादियों के लिए मां बनी हुई है, लेकिन दूध देने वाली भैंस और बकरियों के लिए उनका भी कलेजा नहीं कांपता.