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सियासत
| बड़ा आर्टिकल
आईचौक
@iChowk
Justice Gogoi के CJI बनने से अगर लोकतंत्र बच गया था तो सांसद बनने से खतरे में कैसे?
जस्टिस रंजन गोगोई (Justice Ranjan Gogoi) कोई पहले न्यायाधीश नहीं हैं जो राज्य सभा (Rajya Sabha) जा रहे हैं - और जिस वजह से लोकतंत्र बच गया (Threats to Democracy) हो उससे भला फिर से खतरा कैसे हो सकता है? जस्टिस गोगोई को देश की 'स्वतंत्र आवाज' बनने देना चाहिये.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
आईचौक
@iChowk
जस्टिस रंजन गोगोई CJI बन गए हैं - यानी अब लोकतंत्र खतरे से बाहर है
जस्टिस रंजन गोगोई देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश बन चुके हैं. पहले तो हालत ये रही कि उनकी नियुक्ति को लेकर ही आशंकाएं जतायी जा रही थीं, लेकिन वे गलत साबित हुईं. सवाल ये है कि जजों की प्रेस कांफ्रेंस का इस नियुक्ति में कितना रोल रहा?
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
राजदीप सरदेसाई
@rajdeep.sardesai.7
जस्टिस चेलमेश्वर का सुप्रीम कोर्ट से रिटायरमेंट के बाद नया शंखनाद
जस्टिस चेलमेश्वर ने न्यायपालिका की विश्वसनीयता और निष्पक्षता पर उठ रहे सवालों पर भी बात की. जजों की नियुक्ति प्रकिया उनकी चिंता में शामिल है. वे जस्टिस गोगोई को सीजेआई बनाए जाने के पक्ष में हैं.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
जस्टिस चेलमेश्वर के 'विदाई भाषण' की 10 बातें, कि जंग जारी रहेगी...
मैं 40 सालों से संवैधानिक कानून का स्टूडेंट रहा हूं. जो कुछ मैंने पढ़ा उससे हटकर आज मैं यह बात मानता हूं कि लोकतांत्रिक स्वतंत्रता सिर्फ निडर लोगों के लिए है, जो लोग आसानी से डर जाते हैं उनके लिए ये नहीं है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
अनुषा सोनी
@anusha.son
जनता ने मान लिया कि सच में 'कानून अंधा' होता है
सत्तारूढ़ दल ने सुप्रीम कोर्ट को खुलेआम विभाजित कर दिया है. अब जिस घर में खुद फूट पड़ी हो वो किसी ऐसी जिद्दी सरकार को न्याय के रास्ते पर चलने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है जो अपना पावर छोड़ने के लिए तैयार नहीं है.
सियासत
| 2-मिनट में पढ़ें
संजय शर्मा
@sanjaysharmaa.aajtak
दो मोर्चों पर मुक़ाबला करते भारत के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा
एक ओर राजनीतिक दल भारत के चीफ जस्टिस मिश्रा पर महाभियोग चलाने की बात कह रहे हैं तो दूसरी ओर जस्टिस चेलमेश्वर ने एक और चिट्ठी लिखकर मुख्य न्यायाधीश पर आरोप लगाया है कि वो कार्यपालिका के दबाव में काम कर रहे हैं.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
बस न्यायपालिका को बचा लीजिए 'मिलॉर्ड', लोकतंत्र अपनेआप बच जाएगा
डिवाइड एंड रूल तो शासन और सत्ता प्रतिष्ठानों का सबसे पुराना और असरदार सिद्धांत रहा है. न्यायपालिका को भी इसे समझना होगा कि लोकतंत्र पर मंडराते खतरे को टालने के लिए उनका एकराय रहना ही वक्त की जरूरत है.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
जस्टिस चेलमेश्वर के घर डी राजा के जाने को क्या समझें?
जस्टिस चेलामेश्वर से अपनी भेंट को लेकर डी. राजा जो भी सफाई दें, न तो उनकी दलील हजम होती है और न ही मुलाकात का तुक.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
देश के चीफ जस्टिस के खिलाफ 'बगावत' !
भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में शुक्रवार को अभूतपूर्ण घटना हुई. सुप्रीम कोर्ट के चार मौजूदा जजों ने प्रेस कान्फ्रेंस करके भारत के चीफ जस्टिस के कामकाज के खिलाफ असंतोष जाहिर किया है. और इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
आईचौक
@iChowk
Justice Gogoi के CJI बनने से अगर लोकतंत्र बच गया था तो सांसद बनने से खतरे में कैसे?
जस्टिस रंजन गोगोई (Justice Ranjan Gogoi) कोई पहले न्यायाधीश नहीं हैं जो राज्य सभा (Rajya Sabha) जा रहे हैं - और जिस वजह से लोकतंत्र बच गया (Threats to Democracy) हो उससे भला फिर से खतरा कैसे हो सकता है? जस्टिस गोगोई को देश की 'स्वतंत्र आवाज' बनने देना चाहिये.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
आईचौक
@iChowk
जस्टिस रंजन गोगोई CJI बन गए हैं - यानी अब लोकतंत्र खतरे से बाहर है
जस्टिस रंजन गोगोई देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश बन चुके हैं. पहले तो हालत ये रही कि उनकी नियुक्ति को लेकर ही आशंकाएं जतायी जा रही थीं, लेकिन वे गलत साबित हुईं. सवाल ये है कि जजों की प्रेस कांफ्रेंस का इस नियुक्ति में कितना रोल रहा?
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
राजदीप सरदेसाई
@rajdeep.sardesai.7
जस्टिस चेलमेश्वर का सुप्रीम कोर्ट से रिटायरमेंट के बाद नया शंखनाद
जस्टिस चेलमेश्वर ने न्यायपालिका की विश्वसनीयता और निष्पक्षता पर उठ रहे सवालों पर भी बात की. जजों की नियुक्ति प्रकिया उनकी चिंता में शामिल है. वे जस्टिस गोगोई को सीजेआई बनाए जाने के पक्ष में हैं.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
जस्टिस चेलमेश्वर के 'विदाई भाषण' की 10 बातें, कि जंग जारी रहेगी...
मैं 40 सालों से संवैधानिक कानून का स्टूडेंट रहा हूं. जो कुछ मैंने पढ़ा उससे हटकर आज मैं यह बात मानता हूं कि लोकतांत्रिक स्वतंत्रता सिर्फ निडर लोगों के लिए है, जो लोग आसानी से डर जाते हैं उनके लिए ये नहीं है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
अनुषा सोनी
@anusha.son
जनता ने मान लिया कि सच में 'कानून अंधा' होता है
सत्तारूढ़ दल ने सुप्रीम कोर्ट को खुलेआम विभाजित कर दिया है. अब जिस घर में खुद फूट पड़ी हो वो किसी ऐसी जिद्दी सरकार को न्याय के रास्ते पर चलने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है जो अपना पावर छोड़ने के लिए तैयार नहीं है.
सियासत
| 2-मिनट में पढ़ें
संजय शर्मा
@sanjaysharmaa.aajtak
दो मोर्चों पर मुक़ाबला करते भारत के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा
एक ओर राजनीतिक दल भारत के चीफ जस्टिस मिश्रा पर महाभियोग चलाने की बात कह रहे हैं तो दूसरी ओर जस्टिस चेलमेश्वर ने एक और चिट्ठी लिखकर मुख्य न्यायाधीश पर आरोप लगाया है कि वो कार्यपालिका के दबाव में काम कर रहे हैं.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
आईचौक
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बस न्यायपालिका को बचा लीजिए 'मिलॉर्ड', लोकतंत्र अपनेआप बच जाएगा
डिवाइड एंड रूल तो शासन और सत्ता प्रतिष्ठानों का सबसे पुराना और असरदार सिद्धांत रहा है. न्यायपालिका को भी इसे समझना होगा कि लोकतंत्र पर मंडराते खतरे को टालने के लिए उनका एकराय रहना ही वक्त की जरूरत है.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
जस्टिस चेलमेश्वर के घर डी राजा के जाने को क्या समझें?
जस्टिस चेलामेश्वर से अपनी भेंट को लेकर डी. राजा जो भी सफाई दें, न तो उनकी दलील हजम होती है और न ही मुलाकात का तुक.
समाज
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आईचौक
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देश के चीफ जस्टिस के खिलाफ 'बगावत' !
भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में शुक्रवार को अभूतपूर्ण घटना हुई. सुप्रीम कोर्ट के चार मौजूदा जजों ने प्रेस कान्फ्रेंस करके भारत के चीफ जस्टिस के कामकाज के खिलाफ असंतोष जाहिर किया है. और इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है.