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सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
'राजपथ' के नाम पर रार क्यों, गुलामी की छाप मिटाना हर भारतीय का 'कर्तव्य' है
मोदी सरकार (Modi Government) ने दिल्ली में राजपथ (Rajpath) का नाम बदलकर कर्तव्यपथ (Kartavya Path) करने का फैसला लिया है. गुलामी (Slavery) की सोच से मुक्ति दिलाने पर बाबर, अकबर, हुमायूं, तुगलक, औरंगजेब जैसे मुगल आक्रांताओं के नामों पर बनी सड़कें और बख्तियार खिलजी जैसे हिंदुओं के संहारक के नाम पर बसे कस्बों के नाम बदलना भी हमारा ही 'कर्तव्य' है.
ह्यूमर
| 4-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
दो फीट के इस 26 वर्षीय युवा का दर्द समझा जाना चाहिए...
देश में बड़ी संख्या में नौजवान बिना शादी के भटक रहे हैं. मेरे ही कई जानने वाले दोस्त, बंधु, सखा, मित्र ऐसे हैं, जो अभी तक शादी का लड्डू नहीं खा सके हैं. हालांकि, उन सबकी वजहें अलग-अलग हैं. मेरे दोस्तों की शादी न होने की वजह जानने से पहले हम 'अजीम मंसूरी' की समस्या पर फोकस करते हैं.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
मां के लिए पति तलाश रही आस्था को Twitter ने दिखाया समाज का आईना
अपनी मां के लिए रिश्ता तलाशने वाली आस्था वर्मा के ट्वीट पर जिस तरह की प्रतिक्रियाएं आई हैं उनको देखकर इस बात का अंदाजा हो जाता है कि हम भारतीयों के लिए ट्विटर गंभीर विमर्श की जगह नहीं है और उन्हें सिर्फ हंसी ठिठोली चाहिए.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
पिता अपनी बेटियों के हीरो होते हैं, लेकिन शाहिद अफरीदी वो पिता नहीं
पूरी दुनिया शाहिद अफरीदी को देश के लिए खेलने वाले एक क्रिकेटर के रूप में जानती है, लेकिन असल में वो एक रूढ़ीवादी पाकिस्तानी पिता हैं. जो सोशल मीडिया पर बेटियों के साथ एक आदर्श पिता नजर आते हैं लेकिन असल में कुछ और हैं.
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
वर्जिनिटी टेस्ट की रोंगटे खड़े करने वाली परंपरा, जिसपर महिला आयोग की अब नजर पड़ी
सफेद चादर पर पड़े खून के धब्बों से महिला के चरित्र की परीक्षा की जाती है. खून के धब्बे ही गवाही देते हैं कि लड़की कैसी है. धब्बे हैं तो लड़का जवाब देता है 'मेरा माल खरा-खरा-खरा' और धब्बे नहीं हैं तो 'मेरा माल खोटा-खोटा-खोटा'.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
'एक बेटे की खातिर 7 डिलीवरी और दो अबॉर्शन सहने वाली मां की मौत', क्या वाकई हम 2019 में हैं?
38 साल की एक महिला की 10वीं गर्भावस्था के दौरान मौत हो जाती है. उसे इतनी बार सिर्फ इसलिए गर्भधारण करना पड़ा, क्योंकि उसके परिवार को बेटे की चाहत थी. क्या ये एक छोटी खबर है?
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
क्या हमारे देश में भी ऐसे निर्दयी मौजूद हैं?
लंदन की एक महिला ने अपनी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है जिसमें वो अपने 6 महीने के बच्चे को ट्रेन में 'खड़े होकर' ब्रेस्टफीड करा रही हैं. क्योंकि वहां मौजूद किसी भी शख्स ने उन्हें बैठने के लिए सीट नहीं दी.
सोशल मीडिया
| 3-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
एक आर्ट पर हुआ हमला बताता है कि देश में लड़कियां missing क्यों हैं
दीवार पर बनाए गए एक चित्र द्वारा लोगों को कुछ समझाने की कोशिश की गई थी. जिससे लोगों में जागरुकता फैले. लेकिन लड़की के सिलहूट पर चॉक से ब्रेस्ट और वजाइना भी बना दिए गए.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
पूनम मुत्तरेजा
खुले में स्तनपान को गलत कहने वाले अपने दिमाग का इलाज करा लें
जो लोग सार्वजनिक रूप से स्तनपान कराने का विरोध कर रहे हैं या फिर जो अपनी स्थिति के बारे में अस्पष्ट हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि यह एक बड़ी ज़िम्मेदारी होने के साथ साथ विशेषाधिकार भी है कि अकेले महिलाओं को ही अपने बच्चों को खिलाना है.