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समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटानेवालों में 'नत्था' कितने?
पुरस्कार लौटाने का दौर शुरू हुआ तो नत्था की खोज शुरू हो गई. ज्यादातर तो शिकंजे से बच निकले लेकिन कुछ एक चपेट में आ ही गए.
सियासत
| 2-मिनट में पढ़ें
संजय शर्मा
@sanjaysharmaa.aajtak
ऐलान करके पुरस्कार लौटाना भूल गए साहित्यकार!
पुरस्कार लौटाने का मकसद अगर विरोध जताना है तो जिन लेखकों को पद्मश्री सम्मान भी मिला हुआ है, वो क्यों नहीं लौटा रहे हैं...
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
अभिरंजन कुमार
@abhiranjan.kumar.161
बिहार चुनाव में ध्रुवीकरण के लिए लौटाए जा रहे पुरस्कार
कहीं ऐसा तो नहीं कि आप जिन राजनीतिक दलों की चापलूसी करते रहे हैं, आज जब उनके पास दिखाने को चेहरा नहीं बचा, तो उन्होंने आपको आगे कर दिया है?
सियासत
| 1-मिनट में पढ़ें
नयनतारा सहगल
@Nayantara-Sahgal
साहित्य अकादमी अध्यक्ष को नयनतारा सहगल का जवाब
साहित्य अकादमी पुरुस्कार लौटाए जाने पर नयनतारा सहगल की आलोचना करने वाले अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को जवाबी पत्र मिला है. नयनतारा सहगल ने अपना पक्ष रखते हुए कुछ रुपए भी भेजे हैं. जानिए क्यों?
सियासत
| 2-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
नयनतारा सहगल के बहाने 'दोहरी मानसिकता' पर बहस
नयनतारा सहगल के फैसले से दोहरी मानसिकता पर बहस तो हो ही सकती है. एक ओर प्रख्यात लेखिका हैं, जो दादरी की घटना से क्षुब्ध होकर साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा देती हैं. दूसरी ओर, वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई हैं, जो ऐसे मामलों में अपना अलग ही नजरिया रखते हैं.