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सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
मेजर सरस त्रिपाठी
@saras.tripathi
चमोली ग्लेशियर त्रासदी के लिए क्या चीन जिम्मेदार है?
बीते दिनों उत्तराखंड में जो त्रासदी देखने को मिली उसके लिए आशंका व्यक्त की जा रही है कि यह चीन की हरकत है. चीन ने लेजर बीम से किसी ग्लेशियर को अपना निशाना बनाया और उसे काटकर विध्वंस का ये खेल खेला.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
रमेश ठाकुर
@ramesh.thakur.7399
Uttarakhand flood: ग्लेशियरों के संकेतों को न भांपने का ख़ामियाज़ा
तपोवन में मचा कोहराम हमारी हठधर्मिता और नकारेपन का नतीजा है. केदारनाथ हादसे के बाद भी हमने कोई सबक नहीं सीखा. अब भी अगर हम सतर्क नहीं हुए, तो कुछ अंतराल के बाद अगली तबाही झेलने के लिए फिर से तैयार रहना चाहिए. कुदरत ने दूसरी बार अपने रुद्र रूप से हमें परिचय कराया.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
सर्वेश त्रिपाठी
@advsarveshtripathi
Uttarakhand Glacier Burst: प्रकृति ने तो पहाड़ों पर से इंसानी अतिक्रमण ही साफ किया है!
उत्तराखंड के ग्लेशियर का इस तरह से पिघलना और हिमस्खलन और चट्टानों का दबाव को न सह पाना मानव की इस क्षेत्र में अतिशय छेड़खानी का ही परिणाम है. जब-जब ये छेड़खानी अपनी हदें लांघेंघी, प्रकृति अपने हिसाब से अपनी बात रखेगी.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
डॉ. हेमंत ध्यानी
@hemant.dhyani.5
Uttarakhand Glacier Burst: सरकारों के स्वार्थ ने किया नगाधिराज को नाराज!
उत्तराखंड में जो हुआ है यदि उसपर गौर करें तो मिलता है कि वर्तमान त्रासदी मानव-भोग के लिए पर्यावरण को संसाधन-मात्र देख निर्मम दोहन, तीर्थों को टूरिस्म हॉट-स्पॉट और चारधामों को चार-दामों में बदलने की होड़ का परिणाम है.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
मशाहिद अब्बास
@masahid.abbas
उत्तराखंड में मनुष्य को सजा देकर प्रकृति ने अपना उधार चुकता किया है!
उत्तराखंड में एक बार फिर सैलाब आया है, इस बार भी आपदा कहकर ज़िम्मेदारियों से भागा जा रहा है. पहाड़ फिर से दर्द झेल रहा है, 2013 की झलक 2021 में दिखाई दे रही है. सबकुछ वैसा नहीं है ये शुक्र है लेकिन जो है उससे बचा जा सकता है. बड़ा सवाल ये भी है कि आपदा आने के बाद नींद से जागना कहां तक जायज है?
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
बिहार- यूपी फ़्लैश फ्लड प्रकृति की चेतावनी है, न सुधरे हम तो परिणाम भयंकर होंगे
उत्तर प्रदेश और बिहार फ़्लैश फ्लड के मद्देनजर चर्चा में है. जिस हिसाब से अब ये दो राज्य बाढ़ की चपेट में आए हैं हमें क्लाइमेट चेंज की तरफ गंभीर हो जाना चाहिए और इसे अनदेखा, अनसुना बिलकुल नहीं करना चाहिए.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
चौंकिए मत, जल-प्रलय को दावत हमने ही दी है
जगह-जगह से भयंकर बारिश और बाढ़ की खबरें आ रही हैं. सेना और एनडीआरएफ राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं. ऐसे में जब इस बारिश और बाढ़ का अवलोकन किया जाए तो ऐसे तमाम कारण हैं जो बताते हैं कि बाढ़ में फंसा मनुष्य अपना बोया हुआ काट रहा है.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
मेघालय खदान हादसा: आपदाओं से निपटने की हमारी तैयारी इतनी कमजोर क्यों?
मेघालय की कोयला खदान में मजदूरों को फंसे हुए 18 दिन हो गए हैं. इन फंसे हुए मजदूरों को निकालने में असमर्थ तंत्र को देखकर लगता है कि विकास की बात करने और उसे अमली जामा पहनाने में बहुत फर्क है.
सोशल मीडिया
| 2-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
वरदा तूफान का खौफनाक रूप कैद
हिदायत दी गई थी कि वरदा तूफान के चेन्नई में प्रवेश करने से पहले लोग अपने घरोें में चले जाएं. किसी पेड़ या अस्थायी टिनशेड आदि के नीचे खड़े रहना खतरनाक हो सकता है. और देखिए फिर वो खौफनाक पल आया...