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सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
vinaya.singh.77
@vinaya.singh.77
Mahatma Gandhi: क्या गांधी किसान आंदोलन में शामिल होकर उसे लीड करते?
फार्म बिल 2020 के विरोध में किसानों का एक बड़ा तबका सड़कों पर है. बड़ा सवाल ये भी है कि यदि आज महात्मा गांधी हमारे बीच होते तो क्या वो इस धरने में शामिल होकर इसकी अगुवाई करते? इस सवाल पर जिसकी जैसी विचारधारा या सोच होगी उसके जवाब वैसे ही होंगे.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
मशाहिद अब्बास
@masahid.abbas
'Nobel' को अब तक गांधी जी न मिल पाए, दुर्भाग्य!
देश के राष्ट्रपिता को देश-विदेश में खूब सम्मान मिला है, राष्ट्रपिता, बापु, महात्मा और मिस्टर गांधी का खिताब हासिल करने वाले महात्मा गांधी को शांति का देवता कहा जाता है लेकिन दुनिया के सबसे बड़े शांति के पुरस्कार से गांधी को न नवाजा जाना निराश करता है. लेकिन ये भी अटल हकीकत है कि गांधी का व्यक्तित्व किसी पुरस्कार का मोहताज नहीं हो सकता है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
गांधी भले राजनीति के शिकार बनें, लेकिन जनांदोलनों में उनके प्रयोग आज भी असरदार हैं
जनांदोलनों की कमजोरी हिंसा ही रही है, अन्ना हजारे (Anna Hazare) को मनाने के लिए दिल्ली से केंद्रीय मंत्री का रालेगण सिद्धि पहुंचना सबूत है. महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की तरह अहिंसा (Non Violence) पर जोर ने ही किसान आंदोलन की वापसी करायी है.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
'भगवा आतंक' से 'भगवा की दुहाई' तक पहुंचा कांग्रेस का यू-टर्न
प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने भगवा राजनीति (Saffron Politics) पर कांग्रेस का नया नजरिया पेश कर दिया है. साध्वी प्रज्ञा को लेकर कांग्रेस की जो सोच रही है, योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के बारे में बदली हुई है - आखिर ये बदलाव आया कैसे?
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
हिमांशु सिंह
@100000682426551
आखिर क्यों गांधी सभी हिंदुओं से थोड़ा ज्यादा हिंदू थे?
वर्तमान परिदृश्य में गांधी को गाली देना किसी फैशन सरीखा हो गया है. कह सकते हैं कि गांधीजी को गाली देने वाले लोग वही लोग हैं, जिन्होंने कभी गांधीजी के जीवन और उनके दर्शन को पढ़ा ही नहीं है.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
vinaya.singh.77
@vinaya.singh.77
गांधीजी ना होते तो हमारा देश एक बड़े और कारगर हथियार से वंचित रह जाता !
यह इतिहास कुछ अलग होता, अगर 150 साल पहले 2 अक्टूबर को गांधीजी का जन्म नहीं हुआ होता. सम्पूर्ण विश्व एक ऐसे हथियार से संभवतः वंचित रह जाता, जो हथियार होते हुए भी हिंसा नहीं करता.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
शरत कुमार
@sharat.kumar.127201
एक गांधी की तलाश- न आतंक रहेगा, न कश्मीर समस्या
क्या मौजूदा स्थिति में भारतीय नेता के पास इस तरह का कोई साहसिक, सहनशील और दूरदर्शी नेतृत्व है जो प्रयास कर सके कि मैं आतंक और कश्मीर समस्या को संयम की बदौलत सफलता में बदल दूंगा.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
अरविंद जयतिलक
@arvind.jaiteelak.9
सुसंस्कृत विश्व के निर्माण के लिए क्यों जरूरी हैं गांधी के विचार
आज के दौर में भारत ही नहीं बल्कि विश्व समुदाय को भी समझना होगा कि गांधी के ही सुझाए रास्ते पर चलकर ही एक समृद्ध और सुसंस्कृत विश्व का निर्माण किया जा सकता है.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
प्रीति 'अज्ञात'
@preetiagyaatj
हमने बापू के आदर्शों को माना तो, लेकिन अपने तरीके से
'बुरा मत कहो' को सबसे सही ढंग से अगर किसी ने समझा और पालन किया है तो वो हैं टीवी शो के जज मंडल! ये अंतरिक्ष में बैठकर चुस्की या मटका कुल्फ़ी खाने की उम्मीद लिए वे प्राणीसमूह हैं जिन्हें कुछ जंचता ही नहीं!