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सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
शलभ मणि त्रिपाठी
@shalabh.tripathi
9 साल, 9 फैसले, वे जो मोदी को बनाते हैं 'मोदी'
हाल ही में हमारी सांस्कृतिक धरोहरों और हमारी आध्यात्मिक पहचान को समेटे हुए स्थापित हुई नई संसद ने ये एहसास और पुख्ता किया है. नई संसद में पूरे विधि विधान से राजदंड सेंगोल की स्थापना ने ये एहसास भी करा दिया है कि राजधर्म के पालन में मोदी पीछे हटने वाले नहीं, फिर चाहे कितनी भी चुनौतियां सामने क्यों न आएं.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
Amit Goplani
@2244507202394236
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर विचार बहुत जरूरी है!
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा यह मांग बीजेपी की तरफ से फिर से उठाई गई है कि एक राष्ट्र, एक चुनाव की व्यवस्था हो. यदि हम एक देश, एक चुनाव की नीति को अपनाते हैं तो हम हम देश के कई ह़जार करोड़ रुपए बचा सकते हैं.
सिनेमा
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
'इंडिया लॉकडाउन' बायकॉट बॉलीवुड के इस दौर में मधुर के लिए परीक्षा थी, उन्होंने Top किया!
India Lockdown Review: फिल्म 'इंडिया लॉकडाउन' और इसके निर्देशक मधुर भंडारकर दोनों ही अपने मकसद में कामयाब हुए और यदि फिल्म की तारीफ हो रही है तो हमें प्रतीक बब्बर और सई ताम्हणकर को जरूर अच्छे काम के लिए बधाई देनी चाहिए.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
कौशलेंद्र प्रताप सिंह
@2342512585887517
भारत को बदलना है तो लड़ना सीखिए, उस गरीबी से लड़िये जो गांव में स्थिर है!
देश बदलता है तो लड़ना होगा. इसलिए उस पूंजी के खिलाफ लड़िये जो प्रतिभाओं के हक़ और हक़ूक़ को मार रही है, उस बहन-बेटियों के सुहाग के लिए लड़िये जो भारत मां की कोख से पैदा होने के पहले ही मार दी जा रही है, उस भ्र्ष्टाचार से लड़िये जो रुपये में कम आचरण में ज्यादा हो.
समाज
| बड़ा आर्टिकल
कौशलेंद्र प्रताप सिंह
@2342512585887517
गांव के अगले चौराहे पर लोकतंत्र से मुलाकात हुई, उसके अपने दर्द थे और थी दास्तां!
पूंजी की कोख से निकला प्रजातंत्र ललकार रहा था और ललकार की चीत्कार को सुनने वाली प्रजा कराह रही थी. वो बेबस थी, लाचार थी और ये अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण था कि उसकी आवाज को सुनने वाला कहीं दूर दूर तक नहीं था.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर'
@siddhartarora2812
साम्यवाद की बकलोली कर कांवड़ियों को घेरने वाले समझ लें, कांवड़ उठाने के लिए भरपूर गूदा चाहिए!
साम्यवाद की बकलोली करने वाले कितनी जल्दी ये जता देते हैं कि मजदूर होना लानत है.अफसरशाही को कोसने वाले, वही बनने की बात कहते भी हैं तो किस तर्क से? एक आदमी जो कांवड़ में 120 किलो गंगाजल लेकर आया है, ये इसका गूदा है भई! और किसको पता कि ये पढ़ा लिखा नहीं है? क्या पढ़ाई लिखाई का ये मतलब है कि आदमी की लिमिट्स क्रॉस करने की कैपेबिलिटी खत्म हो जाए?
सोशल मीडिया
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
मुफ्त राशन योजना सशर्त किए जाने पर आरोप लगाते हुए अखिलेश यादव बुनियादी सच छुपा गए!
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये उत्तर प्रदेश में जारी मुफ्त राशन योजना (Free Ration Scheme) के लाभार्थियों से वसूली किए जाने का दावा कर दिया. लेकिन, राशन कार्ड (Ration Card) की वैधता किन कारणों से खतरे में आएगी, ये बात छिपाकर लोगों को भ्रमित कर गए.
इकोनॉमी
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
हम रूस-यूक्रेन में लगे रहे, यहां अपने देश में अमूल दूध 2 रूपए मंहगा हो गया
अमूल दूध (Amul milk) अब कैसे पीएगा इंडिया? एक तरफ टीवी पर अमूल दूध पीता है इंडिया वाला ऐड चल रहा था. दूसरी तरफ यह खबर चल रही थी कि अमूल दूध का दाम बढ़ (Amul milk new price) गया है. दिन भर से रूस-यूक्रेन की खबरों के बीच लगा एक हल्का सा ही सही झटका जरूर लगा...
सोशल मीडिया
| 7-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
Anand Mahindra की नजर 'जुगाड़' वालों पर पड़ी, किसी को नौकरी मिली तो किसी को SUV
जरूरत और गरीबी सारे जुगाड़ करवा लेती है, लेकिन ऐसे लोगों पर जब आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) की नजर पड़ती है तो उनकी किस्मत भी खुल जाती है. किसी को नौकरी तो किसी को Mahindra SUV मिल जाती है. आनंद महिंद्रा हीरो बनकर उभरे हैं उन लोगों के लिए जिन्होंने अपनी जुगाड़ से सबको हैरान किया है.