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सोशल मीडिया
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
बेटी के साथ ड्यूटी पर पहुंची कैब ड्राइवर मां की कहानी हमें प्रेरणा देती है
तस्वीर में दिखने वाली इस महिला का नाम नन्दिनी है जो बेंगलुरु में उबर कैब चलाती है. वह ड्राइवर होने के साथ-साथ एक मां भी है इसलिए बेटी की देखरेख के लिए उसे अपने साथ ही लेकर ड्राइव कर रही है. क्योंकि ना वह अपना काम छोड़ सकती है ना मां होने की जिम्मेदारी.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 2-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
फ्लाइट छूटने पर उबर का महिला को 20 हजार जुर्माना देना, सबक सीखाने का अच्छा उदाहरण है
मुंबई निवासी कविता शर्मा शाम 5.50 की फ्लाइट से मुंबई से चेन्नई जाने वाली थीं. मगर उबर कैब बुकिंग के काफी देर बाद पहुंची. कविता ड्राइवर को कॉल करती रहीं मगर नंबर लगातार बिजी आता रहा. कविता को समझ नहीं आ रहा था कि वे क्या करें, क्योंकि उन्हें 36 किमी का सफर तय करना था. जब वे एयरपोर्ट पहुंची तो उनका किराया 563 रुपए से 703 हो गया था और उनकी फ्लाइट छूट चुकी थी.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
लड़कियों के भैया-अंकल कहने से लोगों को इतनी चिढ़ क्यों है?
उबर के कैब ड्राइवर को 'भैया' शब्द से इतनी चिढ़ हो गई कि उसने अपनी कार की सीट के पीछे साफ-साफ बड़े अक्षरों में लिख दिया है कि डोंट कॉल मी भैया एंड अंकल...मतलब मुझे भैया और अंकल मत कहो. अच्छा तो आप ये भी बता देते कि हम आपको क्या कहें?
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
चाहे Ola हो या Uber, ड्राइवर का राइड कैंसिल करना हल्की समस्या नहीं है!
तकनीक के इस दौर में कैब सेवा एक बड़ी सुविधा है. ऐसे में किरकिरी तब है जब कस्टमर्स को उन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जो सोच और कल्पना से परे हैं और राइड कैंसिल होना एक ऐसी ही समस्या है. आइये समझें ये समस्या कितनी बड़ी है.
ह्यूमर
| 5-मिनट में पढ़ें
सरिता निर्झरा
@sarita.shukla.37
अफगानिस्तान के पूर्व वित्तमंत्री अब अमेरिका की बदौलत वॉशिंगटन के टैक्सी वाले बन गए हैं!
अफगानी मंत्री अगर ड्राइवर बन जाएं और टैक्सी चलाएं तो क्या ही हैरत करना ये सब अमेरिका का किया धरा है. कसम ऊपर वाले की ये अमरीकी जो न करे वो थोड़ा. कोई जैसी भी पाल्टी आ जाये इनके इहां लेकिन हाल वही वाले कि बकरे की जान गयी और खाने वाले को मजा न आया.
इकोनॉमी
| 7-मिनट में पढ़ें
श्रुति दीक्षित
@shruti.dixit.31
क्या वाकई भारत में पब्लिक ट्रांसपोर्ट बहुत महंगा है?
भारत को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के मामले में सबसे किफायती कहा जाता है, लेकिन दिल्ली मेट्रो से जुड़ी एक रिपोर्ट इस तथ्य को झुठलाती है. क्या मेट्रो, लोकल, बस, ऑटो, ओला/ऊबर जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट भारतीय नागरिकों के लिए वाकई महंगे हैं?
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
ट्रैफिक में अटककर भारत ने 1.44 लाख करोड़ रुपए गंवाए
1980 के बाद से देश की आबादी लगभग दोगुनी हो गई है (लगभग 90% वृद्धि). जबकि प्रति व्यक्ति जीपीडी सिर्फ 5 गुणा ही बढ़ी है. रिपोर्ट का दावा है कि इसी अवधि में भारत में यात्रा की मांग आठ गुना बढ़ी है.
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
सरवत फातिमा
@ashi.fatima.75
रात को कैब बुलाएं और महिला ड्राइवर आए तो?
हर कैब में इंस्टॉल किए गए जीपीएस सिस्टम से कार की लोकेशन लगातार ट्रैक होती रहती है. ये महिलाओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए बहुत जरुरी है और लाभदायक भी.
इकोनॉमी
| 6-मिनट में पढ़ें
श्रुति दीक्षित
@shruti.dixit.31
अपनी गाड़ी या कैब... किसमें होगा ज्यादा फायदा...
क्या ज्यादा सहज है किसी शहर में.. खुद की गाड़ी लेना या फिर ओला और उबर जैसी कैब बुलाना? इसका जवाब यहां है...