X
Login
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
Login With Facebook
iChowk
Aaj Tak
বাংলা
Aaj Tak Campus
GNTTV
Lallantop
India Today
Business Today
Cosmopolitan
Harper's Bazaar
Reader's Digest
Northeast
Malayalam
Sports Tak
Crime Tak
Astro Tak
Gaming
Brides Today
Ishq FM
सियासत
समाज
संस्कृति
स्पोर्ट्स
सिनेमा
सोशल मीडिया
इकोनॉमी
ह्यूमर
टेक्नोलॉजी
वीडियो
लॉगिन करें
मोबाइल नंबर
(+91)
Submit
or
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
*
OTP डालें
OTP फिर भेजें
OTP फिर भेजें
Submit
New
अपनी स्टोरी, कविता या कहानी साझा करें...
चर्चा में
महाराष्ट्र
औरंगजेब
ज्ञानवापी मस्जिद
कांग्रेस
राहुल गांधी
योगी आदित्यनाथ
यूपी विधानसभा चुनाव 2022
रूस यूक्रेन विवाद
नरेंद्र मोदी
पंजाब चुनाव
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022
अखिलेश यादव
ओमिक्रॉन वेरिएंट
ममता बनर्जी
कोरोना वायरस
अफगानिस्तान
ऑक्सीजन
पश्चिम बंगाल चुनाव 2021
कोरोना वैक्सीन
किसान आंदोलन
भारत-चीन
अमित शाह
प्रियंका गांधी
टीम इंडिया
विराट कोहली
अरविंद केजरीवाल
अरुण जेटली
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने से कांग्रेस क्यों कंफ्यूज है?
केंद्र की बीजेपी सरकार के हर मूव का कांग्रेस के तमाम नेता बगैर सोचे समझे आनन फ़ानन में कटु प्रतिक्रिया देकर अक्सर सेल्फ गोल ही कर बैठते हैं. थोड़ा सा पॉज दे देते तो निश्चित ही गीता प्रेस के मौजूदा मामले में मौन ही रहते और वही उनके लिए लाभकारी भी होता.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
सावरकर को भाजपा और संघ से ज्यादा पॉपुलर तो खुद राहुल गांधी ने किया है!
अपनी रैलियों में बार बार सावरकर का जिक्र करने वाले राहुल गांधी इस बात को जितना जल्दी समझ जाएं उतना बेहतर है कि, यदि वो सावरकर के नाम का इस्तेमाल सिर्फ तुष्टिकरण के लिए कर रहे हैं, तो इसका इसलिए भी कोई फायदा नहीं है क्योंकि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग इसे अपने आप से नहीं जोड़ पाता.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
मोदी को हटाना है, देश बचाना है तो उसके लिए सावरकर बनो!
हम नहीं कहते उद्धव कह रहे हैं अपने मुखपत्र के माध्यम से! पिछले दिनों राजनीति में एक ख़ास उबाल आया जिससे कांग्रेस के उभरने के आसार बन गए थे ; लेकिन एक बार फिर बोल वचनों ने ‘हवा निकाल दी’ पार्टी की.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
कौशलेंद्र प्रताप सिंह
@2342512585887517
वीर सावरकर का सियासी दल विरोध कर सकते हैं, लेकिन भारत की जनता नहीं!
2002 में विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न के रूप में सम्मानित करने का वादा वाजपेयी के शासन के दौरान सामने आया था, लेकिन राष्ट्रीय नाराजगी के बाद इसे खारिज कर दिया गया था. पूर्व प्रधानमंत्री आदरणीय मनमोहन सिंह ने साल 2005 में अंडमान निकोबार के हवाई अड्डे का नाम बदलकर वीर सावरकर कर दिया था.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
Ritik Rajput
@898764348148408
कर्नाटक विधानसभा हॉल वीर सावरकर की तस्वीर पर राजनीति हुई गर्म!
चुनाव होने में भले ही अभी ठीकठाक वक़्त बचा हो लेकिन कर्नाटक का सुर्ख़ियों में आना दस्तूर हो गया है. ताजा मामला जुड़ा है विधानसभा हाॅल में वीर सावरकर की तस्वीर से. जिसके चलते कर्नाटक में विपक्ष की भूमिका निभाने वाली कांग्रेस ने विधानसभा के बाहर जमकर हंगामा काटा, और सरकार के इस फैसले की आलोचना की.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
महात्मा गांधी से तुलना करने पर राहुल गांधी का बयान सच का सामना है
शुरुआती विवादों से आगे बढ़ती हुई भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra 100 Days) के 100 दिन पूरे हो चुके. लेकिन महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) से अपनी तुलना किये जाने पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सख्त लहजे में ऐतराज जताया है - क्या आप कांग्रेस नेता में विनम्रता का भाव देखते हैं?
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
सावरकर के बाद महाराष्ट्र में शिवाजी पर विवाद क्यों खड़ा किया जा रहा है?
वीर सावरकर राहुल गांधी के बाद महाराष्ट्र में अब छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji) को लेकर राज्यपाल के बयान पर विवाद हो रहा है - भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) ने तो जैसे उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को बीजेपी पर हमले का बहाना ही दे दिया है.
सिनेमा
| बड़ा आर्टिकल
अनुज शुक्ला
@anuj4media
गोविंदा का पैर छूने पर पाकिस्तान में बवाल, बड़ी बात यह है कि पाक में पैर छूने का महत्व अब भी है!
जबरदस्ती अनुवांशिकी बदलने के बुरे असर दुनिया में कितने खतरनाक रहे हैं- उस पर बात नहीं होती. भारत में तो बिल्कुल नहीं होती. एक पाकिस्तानी एक्टर द्वारा गोविंदा का पैर छूने की घटना के हवाले से सावरकर पर भी एक संक्षिप्त टिप्पणी से चीजों को समझते हैं.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
लोकेन्द्र सिंह राजपूत
@5745259062180641
वीर सावरकर पर सवाल उठाने से पहले जान लीजिये, वे थे कौन...
जब वीर सावरकर को लेकर अनेक प्रकार के प्रश्न उठाए जा रहे हैं, तब उनके बचपन से किशोर अवस्था तक की यह कहानी जरूर पढ़ लेनी चाहिए. उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए उस समय प्रतिज्ञा कर ली थी, जब बच्चे खिलौना से खेलने में मस्त रहते हैं.