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विकास कुमार
vikas.kumar.988
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समाज
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6-मिनट में पढ़ें
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विकास कुमार
@vikas.kumar.988
एक छोटा शहर क्यों नाराज है दिल्ली के प्रदूषण से
देश की राजधानी दिल्ली में बढ़े हुए प्रदूषण ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है ऐसे में माना यही जा रहा है कि अब ये शहर रहने योग्य नहीं रह गया है.
समाज
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5-मिनट में पढ़ें
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विकास कुमार
@vikas.kumar.988
या तो हम पुलिस वालों का मज़ाक़ उड़ाते हैं या फिर उन्हें गालियां देते हैं!
मैं जिस राज्य, जिले से आता हूं वहां ‘दारोग़ा’ के लिए एक कहावत कही जाती है. दारोग़ा मतलब द (दीजिए) रो के चाहे गा के. मतलब अगर दारोग़ा आया तो या तो उसे हंसी-ख़ुशी कुछ दे दो या रोने-धोने के बाद दो. देना तो पड़ेगा ही.
समाज
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3-मिनट में पढ़ें
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विकास कुमार
@vikas.kumar.988
यूपी पुलिस का मन मुख्यमंत्री ही ने तो बढ़ाया है…
विवेक तिवारी एनकाउंटर मामले में योगी सरकार से पूछा जा रहा है कि पुलिस को खुलेआम गोली चलाने का ऑर्डर किसने दिया. पर असल में छूट तो योगी आदित्यनाथ ने ही दी थी.
सियासत
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6-मिनट में पढ़ें
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विकास कुमार
@vikas.kumar.988
‘फ़ैसले के बाद मिर्चपुर के दलित और जाट याद आ रहे हैं’
अप्रैल 2010 में हुआ था मिर्चपुर. आठ साल बाद गूगल या कोई पत्रकार आपको उस घटना की जानकारी भर दे सकता है. कोई भी आपको उसकी ताप या गरमी महसूस नहीं करा सकता.
समाज
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4-मिनट में पढ़ें
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विकास कुमार
@vikas.kumar.988
मुजफ्फरपुर के बाद आरा में दम तोड़ता बिहारी समाज!
बेटे-बेटी को IAS, IPS बनाने के लिए पढ़ाते हैं लेकिन केवल शोहरत के लिए, रुतबे के लिए. पैसा के लिए. अधिक दहेज के लिए. समाज-सेवा या भलाई की बात हम उन्हें नहीं सिखाते हैं. अगर कोई बच्चा बाहर से सीख भी ले तो उसे बुरबक कहकर मज़ाक़ उड़ाते हैं.