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सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
राजीव गांधी के हत्यारों के बरी होने पर जश्न इतना साधारण क्यों मान लिया गया?
राजीव गांधी हत्याकांड (Rajiv Gandhi Assassination) के दोषियों की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से रिहाई के आदेश पर तमिलनाडु (Tamil Nadu) में पटाखे फोड़े जा रहे हैं. नलिनी श्रीहरन के समर्थक मिठाई बांट रहे हैं. संभव है कि तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन (MK Stalin) भी इन हत्यारों से मुलाकात करें. वहीं, ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस (Congress) ने इस जश्न को साधारण मान लिया है.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
रेपिस्ट को 'दयालु' रेपिस्ट' बताकर न्यायमूर्तियों ने एक नयी बहस तो शुरू कर ही दी है!
अनेकों मामले हैं, जिनमें न्यायाधीशों की पितृसत्तात्मक मानसिकता उनके निर्णयों में परिलक्षित होती है. जबकि तमाम कानूनी प्रावधान है. हां, दोष मीडिया, एक्टिविस्टों और राजनेताओं का भी हैं जिनका आउटरेज सेलेक्टिव होता है! क्यों होता है, सभी जानते हैं.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
बिलकिस का दोषी तो सजा के दौरान ही गुनाह कर बैठा,अच्छे चाल-चलन की थ्योरी कहां से आई?
बिल्किस बानो गैंगरेप मामले में दोषियों की रिहाई लगातार सुर्खियां बटोर रही है. 'अच्छे आचरण' का हवाला देकर बलात्कारियों को रिहा करना गुजरात सरकार के लिए गले की हड्डी बनता नजर आ रहा है. रेपिस्टों की रिहाई संदेह के घेरों में है. साथ ही विपक्ष भी इसे एक बड़े मुद्दे की तरह पेश कर रहा है इसलिए गुजरात सरकार ने देश की सर्वोच्च अदालत में हलफनामा दाखिल किया है.
समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 6-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
बिल्किस बानो के मुजरिम कम्युनल हैं, तो अंकिता सिंह के क्यों नहीं?
दुमका की अंकिता सिंह मुस्लिम बहुत क्षेत्र में रहती थी. वहां का शाहरुख अंकिता को लगातार धमका रहा था. आखिर उसने जान ले ही ली अंकिता की. सवाल उसकी दरिंदगी का नहीं है. सवाल उन खामोश चुप्पियों का भी है, जो बिल्किस बानो वाले मामले में ही शोर मचाती हैं. बिल्किस की तरह न्याय की आस तो अंकिता के परिजनों को भी है न?
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
नुपुर शर्मा पर एक्शन के बावजूद ठाकुर राजा सिंह का एक्ट शक पैदा करता है
ठाकुर राजा सिंह (Thakur Raja Singh) के भी नुपुर शर्मा (Nupur sharma) की ही राह चलने की क्या वजह रही होगी? वो भी तब जबकि बीजेपी (BJP) नेतृत्व तेलंगाना में सत्ता हासिल करने के लिए हद से ज्यादा एक्टिव है - कहीं ये पार्टी की किसी खास रणनीति का हिस्सा तो नहीं है?
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
बिलकिस बानो को न्याय तो मिला लेकिन अंधे कानून ने ख़त्म कर दिया!
कल न्याय की कसौटी पर खरा उतरा था कानून? बिलकिस ने भी स्वीकारा था, न्याय में विश्वास व्यक्त किया था. आज हिल गया है तो वजह दोषियों के 15-16 साल सजा काट लेने के बाद हुई रिहाई से ज्यादा राजनीति और सिस्टम जिम्मेदार है - पॉलिटिक्स >सिस्टम >रैमिशन !
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
प्रिया सिंह
@1857515727928871
बिल्किस बानो ही नहीं, बल्कि अन्य के लिए भी न्याय मुश्किल क्यों है?
बलात्कार (Rape) ने देश में महामारी का रुप ले लिया है. 2012 में निर्भया कांड के बाद हुए कठोर कानूनी बदलाव को लोगों ने इस महामारी का एंटीडोज समझा था. लेकिन कोरोना संक्रमण की तरह ही इस महामारी से भी लोगों को छुटकारा नहीं मिल सका. बिलकिस बानो (Bilkis Bano) तो बस एक उदाहरण भर हैं.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
बिलकिस बानो केस से लेकर आहूजा 'ज्ञान' देव तक - किरदार अलग, पर कहानी एक जैसी है!
बीजेपी नेता ज्ञानदेव आहूजा (Gyandev Ahuja) के वायरल वीडियो ने पहलू खान (Pehlu Khan) केस की अचानक याद तो दिलायी ही है - लगे हाथ ये भ्रम भी तोड़ दिया है कि बिलकिस बानो केस (Bilkis Bano Case) के बलात्कारियों को जेल से छुड़ा लिया जाना कोई अचानक हुई घटना नहीं है.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
नाज़िश अंसारी
@naaz.ansari.52
Bilkis Bano: क्या प्रधानसेवक की जुमलेबाजी और एक्शन के बीच एक मोटी सी रेखा है?
बिलकिस बानो की क़ौम को यह याद रखना चाहिए, जब प्रधानमंत्री महिलाओं के सम्मान की बात करते हैं, तब दरअसल वे मंगलसूत्र और सिंदूर धारी महिलाओं की चिंता में मग्न हैं. बलत्कृत बुर्क़े वालियों की हैसियत कीड़े मकौड़े से ज्यादा की नहीं है. जिन्हें कुचलने, मसलने, तार तार करने पर बलात्कारियों का स्वागत फूल माला, मिठाई से किया जाएगा.