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सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
जातिगत जनगणना में क्या मुसलमानों की जातियां भी शामिल की जाएंगी?
हिंदुओं (Hindu) की तरह ही मुस्लिम समाज में भी तमाम जातियां (Muslim castes) भरी पड़ी हैं. इसके बावजूद मुसलमानों को लेकर होने वाली तमाम चर्चाओं में इस समुदाय को को सिर्फ मुस्लिम समाज बताकर पेश किया जाता है. सवाल यही है कि क्या जातीय जनगणना (Caste Census) में मुस्लिम समाज के दलित और पिछड़े वर्ग की जातियों की भी शामिल किया जाएगा?
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
नीतीश कुमार पीएम मेटेरियल हैं लेकिन भाजपा को सिरदर्द नहीं दे पाएंगे
बिहार में आरजेडी के साथ संबंध सुधरना इतना आसान नहीं है. पिछली बार आरजेडी का हाथ बीच रास्ते में छोड़ने वाले नीतीश कुमार पर तेजस्वी यादव आसानी से भरोसा नहीं करेंगे. अगर ऐसा हो भी जाता है, तो नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिलेगी, इसकी संभावना बहुत ज्यादा नहीं है. अगर 2024 में विपक्ष केंद्र में सरकार बना भी ले, तो तेजस्वी बिहार को आसानी से नहीं छोड़ेंगे.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
Caste Census: केवल भाजपा ही नही क्षत्रपों के लिए भी खतरे की घंटी है
जो क्षेत्रीय पार्टियां 90 के दशक में मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू होने के बाद तेजी से उभरीं उन दलों की ओर से ही जाति जनगणना पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है. इन दलों की मांग में ये साफ नजर आ जाता है कि जाति जनगणना की मांग के सहारे ये तमाम सियासी दल केवल भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
caste census: नरेंद्र मोदी और भाजपा के सामने विपक्ष का एकमात्र हथियार क्यों है?
हिंदुत्व (Hindutva) की राजनीति करने वाली भाजपा ने लोगों को जाति से इतर धर्म के नाम पर एक साथ लाने की कोशिश की. और, वो इसमें कामयाब होकर 2014 और 2019 में नया कीर्तिमान भी स्थापित कर चुकी है. भाजपा ने जातिगत राजनीति करने वाली पार्टियों के वोट बैंक कहे जाने वाले दलित और ओबीसी समुदाय में भरपूर सेंध लगाई है. इसमें भी खास तौर से भाजपा का ओबीसी जनाधार बढ़ा है.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
जातीय जनगणना के मुद्दे पर जो बीस पड़ेगा बाजी मार लेगा
बिहार चुनाव से पहले तो ये आंकड़े आने से रहे. हां, तब तक उसके नाम पर राजनीति तो की ही जा सकती है. अब जो बीस पड़ेगा बाजी भी वही मार पाएगा.
इकोनॉमी
| 2-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
ये रिपोर्ट देखिए और बताइए, कहां है अच्छे दिन...
भारत की पहली सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना की रिपोर्ट आ गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में हर तीन में से एक घर गरीबी रेखा से नीचे है. इनकी आय का कोई स्थाई स्रोत भी नहीं है.