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समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
Akash Singh
@1085985232327365
न्यायपालिका कोशिश करे उसका निष्पक्ष न्याय, निष्पक्ष दिखाई भी दे!
न्यायाधीशों को सेवानिवृत्ति के बाद संवैधानिक पद पर बैठाने की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सर्वोच्च न्यायालय से हाल ही में सेवानिवृत्त हुए न्यायाधीश अब्दुल नजीर को अब आंध्रप्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
भारत जोड़ो यात्रा में वरुण गांधी के शामिल होने की संभावना कितनी है?
वरुण गांधी (Varun Gandhi) के भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) में शामिल होने को लेकर जो चर्चा अभी चल रही है, बीजेपी विरोधी अपने रुख से हवा भी वो खुद ही दे रहे हैं. बड़ा सवाल ये है कि क्या राहुल गांधी को भी मंजूर होगा - और नहीं तो क्यों?
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
सांसद जॉन ब्रिटास ने बताईं इंडियन ज्यूडिशरी की 'चार खामियां'! जानिए ये क्या हैं...
सांसद जॉन ब्रिटस (John Brittas) ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान न्यापालिका (Judiciary) के उन तारों को छेड़ दिया, जिन पर लंबे समय से सवाल खड़े किए जा रहे हैं. उन्होंने इंडियन ज्यूडिशरी के छुपे हुए पहलुओं को राज्यसभा में रखा.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
अभिरंजन कुमार
@abhiranjan.kumar.161
हैदराबाद एनकाउंटर: दुविधा में डालने वाला न्याय
अगर चार आरोपियों में किसी प्रभावशाली का बेटा यानी किसी मंत्री, सांसद, विधायक, अफसर, धनपशु, बाहुबली इत्यादि का बेटा होता, तो पुलिस ने यह एनकाउंटर नहीं किया होता, बल्कि वह बंद कमरे में बैठकर आरोपियों को बचाने की डील कर रही होती.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
सॉरी, लेकिन हैदराबाद की दिशा को न्याय नहीं मिला!
Hyderabad Police ने encounter करके आगे कई सवालों से खुद को बचा लिया है. लेकिन बलात्कार के आरोपियों का एनकाउंटर करके अगर हर कोई खुश है तो क्या ये new normal है? पुलिस पर encounter करने के लिए फूल बरसाए जा रहे हैं तो फिर न्यायपालिका न्यायपालिका क्या करेगी?
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
Kathua case verdict से ऊंचा हुआ इंसाफ की देवी का सिर
कठुआ मामला जितना जघन्या था उतना ही सांप्रदायिक और राजनीतिक भी. अदालत ने इस मामले पर फैसला देकर बहुत से अपराधियों, दबंगों और राजनीतिज्ञों को एक संदेश देने की कोशिश की है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
मनीष दीक्षित
@manish.dixit.39545
CJI sexual harassment case: न्यायपालिका पर ग्रहण लगाने वालों को पहचानना जरूरी है
CJI Ranjan Gogoi पर आरोपों का सिरा सिर्फ एक महिला से जुड़ा हुआ है. जिस तरह से शिकायत की ड्रॉफ्टिंग हुई और जिस संयोजन के साथ मामला सामने लाया गया वो बताता है कि मामला महिला को न्याय से भी बड़ा है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
CJI गोगोई को क्लीन चिट के बाद भी लोकतंत्र खतरे से बाहर क्यों नहीं लगता?
12 जनवरी, 2018 को सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कांफ्रेंस करके भूचाल ला दिया था. फिर लगा सब सुधरने लगा है क्योंकि जिम्मेदारी उन्हीं में से एक को मिली है जिसने आवाज उठायी थी. आखिर लोकतंत्र खतरे से बाहर क्यों नहीं जा पा रहा?
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
आईचौक
@iChowk
जस्टिस रंजन गोगोई CJI बन गए हैं - यानी अब लोकतंत्र खतरे से बाहर है
जस्टिस रंजन गोगोई देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश बन चुके हैं. पहले तो हालत ये रही कि उनकी नियुक्ति को लेकर ही आशंकाएं जतायी जा रही थीं, लेकिन वे गलत साबित हुईं. सवाल ये है कि जजों की प्रेस कांफ्रेंस का इस नियुक्ति में कितना रोल रहा?