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समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
तीन बातों के लिए जरूर याद रहेगा 2015 - रेप, रेप और रेप
रेप, बलात्कार या दुष्कर्म नाम जैसे भी लिया जाए इस जघन्य अपराध की चर्चा हर जगह रही. सड़कों पर गुस्सा फूटा तो कोर्ट में जख्म उभरे - और फिर संसद में भी चीखें गूंजीं.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
तर्क नहीं ज्योतिष के हिसाब से बना लगता है जुवेनाइल जस्टिस बिल
ये जन भावनाओं का ही दबाव था जो जुवेनाइल जस्टिस बिल राज्य सभा में पेश हुआ - और पास भी हो गया.
सियासत
| 2-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
क्या संसद ने किशोर अपराधियों के लिए टाडा को मंजूरी दी है?
मुजरिम को सजा देने का आधार जुर्म होना चाहिए या उसकी उम्र? निर्भया के नाबालिग दुष्ककर्मी की रिहाई को लेकर ये बहस शुरू हुई.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
निर्भया के नाबालिग दुष्कर्मी को तो रिहा होना ही था
अगर समय रहते सख्त प्रावधानों के साथ अगर कानून में संशोधन हो चुका होता तो नाबालिग अपराधी भी बाकी चार बलात्कारियों की तरह ताउम्र जेल में ही पड़ा होता क्योंकि उसे भी वयस्कों वाली सजा मिली होती.
समाज
| 1-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
निर्भया केस: नाबालिग अपराधी पर तीन साल में कानून क्यों नहीं बना?
इस EXCLUSIVE इंटरव्यू में निर्भया की मां सवाल उठाती हैं कि अगर इसी तीन साल में कानूनी बदलाव कर लिए गए होते तो नाबालिग की रिहाई को लेकर ये दिन न देखने पड़ते.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
सरकारी नौकरी दो, निगरानी की जरूरत नहीं!
ये डिमांड और दावा उस दरिंदे का है जिसने उस रात सबसे ज्यादा कहर ढाया. 16 दिसंबर को निर्भया कांड के तीन साल होने जा रहे हैं.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
निर्भया के नाबालिग-बलात्कारी के साथ क्या सलूक हो?
तीसरी बरसी से ठीक एक दिन पहले वो दिल्ली में मजनूं का टीला के सुधार गृह से बाहर आ जाएगा.