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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
थूककर महिला के बाल गीले करने वाले जावेद हबीब को थप्पड़ क्यों नहीं रसीद किया!
मशहूर हेयरस्टाइलिस्ट जावेद हबीब (Jawed Habib) अपने एक सेमिनार में महिला के बाल काटते हुए उसके रूखें बालों को गीला करने के लिए उस पर थूक देते हैं. और फिर हंसते हुए कहते हैं, 'अरे इस थूक में जान है'. क्या इस घिनौनी हरकत पर हंसा जा सकता है? जिस महिला के साथ ये हुआ, उसने तो आग ही उगली है.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 2-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
प्यार की ये कौन सी दुनिया है, जहां लड़की के घर के सामने प्रेमी की चिता जले!
ये इश्क नहीं आसां इतना समझ लीजे, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है…आग का दरिया तो फिर भी प्रेमी पार कर सकते हैं लेकिन तब क्या जब किसी प्रेमी को पहले जान से मार दिया जाए और फिर प्रेमिका के घर के सामने उसकी चिता को जलाकर अंतिम संस्कार कर दिया जाए.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
रेप से जन्मे बच्चों के प्रति समाज इतना क्रूर क्यों है?
बिहार से एक बेहद असंवेदनशील मामला सामने आया है, जिसने हमारे समाज का घनौना चेहरा सबसे सामने ला दिया है. रेप पीड़िता और रेप से जन्मे बच्चे को लेकर समाज कितना क्रूर है ये घटना साफ बता रही है.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
हिमांशु सिंह
@100000682426551
मुजफ्फरपुर में हुई मौतों का असली गुनहगार मिल गया है!
सैकड़ों बच्चों की मौत के मातम में डूबा मुजफ्फरपुर इन मौतों के असली गुनहगार को जानकर सिर धुन लेगा, लेकिन सबसे बड़ी विडंबना यही है कि शायद ही वो उसे ज्यादा दिनों तक याद रख पाए.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
मुजफ्फरपुर के चंद्रहट्टी से सबक लेते तो 'चमकी' से 150 बच्चे बचा सकते थे
मुजफ्फरपुर के पास एक गांव चंद्रहट्टी में जिस तरह से चमकी बुखार से लड़ाई लड़ी गई है वो तारीफ के काबिल है. गांव वालों से सरकार का इंतजार नहीं किया और अपनी मेहनत से ही Acute Encephalitis Syndrome (AES) को हरा दिया.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
नीतीश की खामोशी बिहार की मौजूदा राजनीति पर आधिकारिक बयान है
मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौत पर नीतीश कुमार खामोश हैं, लेकिन उनकी चुप्पी में काफी गुस्सा भरा हुआ है. नीतीश की चुप्पी और बच्चों की मौत के सवाल पर उनके रिएक्शन में बिहार की राजनीतिक हालात के संकेत मिल रहे हैं.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
अशोक प्रियदर्शी
@ashok.priyadarshi.921
गुस्सा नहीं सहानुभूति दिखाइए, चमकी बुखार से बच्चे नहीं सरकार पीड़ित है !
करीब एक दशक से चमकी बुखार से मौत का तांडव जारी है. लेकिन सरकार इसकी वजह जानने में विफल रही है. सरकार यह भी बता पाने में विफल है कि यह रोग क्या है. इसका इलाज क्या हो सकता है. इसकी दवा क्या है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
अनुज मौर्या
@anujkumarmaurya87
मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस से बड़ी चुनौती बन गए नेता-अभिनेता!
मुजफ्फरपुर में एक ओर एंसेफेलाइटिस (Acute Encephalitis Syndrome) से बच्चों की जान जा रही है, वहीं दूसरी ओर, नेता-अभिनेता एंसेफेलाइटिस से भी बड़ी चुनौती के रूप में अस्पताल में आ धमके. उनकी वजह से अस्पताल में व्यवस्था बेहद खराब हो गई थी.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
अभिनव राजवंश
@abhinaw.rajwansh
जब पक्ष-विपक्ष का एक ही हाल तो भगवान ही बचाए जान
यह पहली बार नहीं है जब बिहार में चमकी बुखार का प्रकोप दिखा हो. साल 2014 में भी 355 मौतें हुई थीं तब भी इतनी ही हाय-तौबा मची थी. तब भी बिहार की सत्ता में नितीश कुमार ही काबिज थे. लेकिन अब 100 बच्चों की मौत भी सुशासन बाबू की तन्द्रा नहीं तोड़ पा रही है.