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सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
अमित पांडेय
'सेक्युलरवाद' के जरिए राजनीतिक पार्टियों का फायदा तो है!
भारतीय सेक्युलरवाद दैवी बनाम सांसारिक न हो कर सर्वधर्मसमभाव का है. यह बहुलता के प्रति सहनशीलता और राज करने के नियमित सिद्धांत के रूप में मान्यता देने का है. पर भारतीय और पश्चिमी सेक्युलरवाद में फर्क करने का मतलब यह नहीं है कि हम राज्य की सेक्युलर पहचान पर ही सवाल उठाना शुरू कर दें.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
राहुल गांधी 2024 के बाद भी कांग्रेस को सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनाये रख पाएंगे?
भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के जरिये राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अगले आम चुनाव (General Election 2024) की तैयारियों में जुटे हुए हैं, लेकिन जिस तरीके से संघ और बीजेपी के खिलाफ काउंटर स्ट्रैटेजी चलायी जा रही है - कांग्रेस के आगे भी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बने रहने पर संदेह है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
आईचौक
@iChowk
Nitin Gadkari के ताजा बयान उनकी निराशा और दुख बयां कर रहे हैं
भारतीय राजनीति (Indian politics) को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के ताजा बयान में निराशा भाव की झलक मिल रही है - ऐसा भाव प्रकट होने की वजह कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या अमित शाह (Narendra Modi & Amit Shah) तो नहीं हैं?
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
'Agniveer बनेंगे नाजी'- विरोध की आग में तप रहे कुमारस्वामी ये क्या कह गए!
कर्नाटक के पूर्व सीएम कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि आरएसएस अग्निवीरों का इस्तेमाल सेना पर कब्जा करने और भारत में नाजी शासन शुरू करने के लिए करेगा. बयान को भाजपा ने आड़े हाथों लिया और कहा कि यह सशस्त्र बलों का सीधा अपमान है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
अनुज शुक्ला
@anuj4media
मथुरा पर पीछे हट रहे भागवत, क्या आजम-अखिलेश की जुगलबंदी का असर है?
RSS प्रमुख हिंदुओं के ठेकेदार थोड़े हैं. किसी समाज को क्या करना है क्या नहीं करना है इसका फैसला तो वह अपने परिवेश को देखते हुए करेगा. आजम खान अखिलेश यादव की दोस्ती से संघ घबरा सकता है भारत का समाज नहीं.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
मदरसों पर सरमा ने कुछ सही बोला, कुछ गलत- चर्चा दोनों पर होनी चाहिए!
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि 'मदरसा' शब्द का अस्तित्व अब समाप्त हो जाना चाहिए. इसके पीछे जो तर्क उन्होंने दिए हैं वो मजबूत तो हैं लेकिन जैसी उनकी बातें हैं साफ़ है कि इन बातों के पीछे उनका अपना अलग एजेंडा है और उस एजेंडे पर बात बिल्कुल होनी चाहिए.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
राज ठाकरे का हाल तो शिवपाल यादव जैसा लगता है!
राज ठाकरे (Raj Thackeray) के मुंह से योगी आदित्यनाथ की तारीफ सुन कर संजय राउत (Sanjay Raut) का कहना है कि बीजेपी-शिवसेना के झगड़े में किसी तीसरे के लिए स्कोप नहीं है - और शरद पवार (Sharad Pawar) तो MNS नेता को फुल टाइम पॉलिटिशियन ही नहीं मानते.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
सत्यपाल मलिक को कौन घूस दे रहा था, मनोज सिन्हा बस ये जानना चाहते हैं या कुछ और?
सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) के मुताबिक रिश्वत की बात सुनते ही वो फाइल पर फुल स्टॉप तो लगाये ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी भ्रष्टाचार से समझौता न करने की सलाह दी, लेकिन मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) जो सच जानना चाहते हैं उसका दायरा कहां तक है - महज रिश्वत तक या राजनीतिक भी?
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
अशफाक उल्लाह खान और औरंगजेब का अंतर बताना तो ठीक है, लेकिन सुन कौन रहा है?
आरएसएस चीफ मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) लगातार मुस्लिम समाज की ओर अपने बयानों के जरिये हाथ बढ़ा रहे हैं. लेकिन, सीएए (CAA) और तीन तलाक (Triple Talaq) जैसे मुद्दों पर भड़कने वाला मुस्लिम तबका क्या इतना परिपक्व माना जा सकता है कि राष्ट्रीयता के नाम पर एक हो सके?