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सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
डॉ. फैयाज अहमद फैजी
@faizianu
पसमांदा मुसलमानों को तवज्जो मिली तो अशराफों को कितना मंजूर होगा?
इस्लामी शिक्षा के भी अनुसार साधन संपन्न मुसलमान पर ही यह जिम्मेदारी आती है कि वो अपने वंचित मुसलमान भाइयों को ऊपर लाने के लिए काम करे. लेकिन, साधन संपन्न अशराफ मुसलमान (Ashraf Muslim) इसकी जिम्मेदारी उठाना तो दूर, इसकी आवाज दबाने का पूरा प्रयास करता हुआ दिख रहा है.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
आप मंदिरों में नमाज पढ़वाते रहिए, वो गणेश पंडाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक चले जाएंगे
मंदिर प्रांगण, दुर्गा और गणेश पंडालों में नमाज पढ़वाए जाने की तस्वीरें सामने आती रही हैं. ये तस्वीरें सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल बनी हैं. ईदगाह मैदान (Eidgaah Ground) में गणेश पूजा (Ganesh Puja) का आयोजन करवा कर मुस्लिम समुदाय (Muslim) भी अपनी सहिष्णुता का प्रदर्शन कर सकता था. लेकिन ऐसा न हो सका...
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
डॉ. अरुण प्रकाश
@DrArunPrakash21
Udaipur murder case: परिणाम पर प्रतिक्रिया नहीं, हिंसा का विरोध हो
महावीर कहते हैं कि 'हिंसा दूसरे के अस्तित्व का नकार है, उसके अस्तित्व की उपेक्षा है, उसके व्यक्तित्व की गरिमा का उल्लंघन है. हिंसा है अपने स्व को दूसरे के स्व पर उसकी सत्ता को एकदम नकारते हुए, आरोपण. अपने स्व की परिधि के पार ही हिंसा शुरू होती है.'
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
Udaipur murder case: हिंदुओं को 'भेड़' बनाने के लिए कट्टरपंथी 'भेड़ियों' का एक और हमला
मुस्लिम कट्टरपंथी जिस क्रूरता के साथ अपनी ताकत का प्रदर्शन (Udaipur Murder Case) करते हैं. वो सबके लिए एक मिसाल की तरह बन जाता है. जबकि, हिंदू धर्म (Hindu) को सहिष्णु, शांतिपूर्ण और हिंसा का रास्ता अपनाने वाला नहीं माना जाता है. इस सहिष्णुता के चलते बहुसंख्यक हिंदू समाज भेड़ों का वह समूह बन चुका है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
डॉ. ऋषि अग्रवाल 'सागर'
@editorrishi
Udaipur Murder Case: कब रुकेगी ये हिंसा, कब थमेगा जिहादी आतंकवाद?
कल एक कन्हैयालाल नहीं बल्कि हर एक वो हिन्दू मरा है जो भाईचारे की सोच रख उन मुसलमानों को गले लगा बैठा, जिनके चेहरे पर मुस्कान, हाथ में ख़ंजर और जुबां पर अल्लाह का नाम है. आज इनकी इस घटिया मानसिक विकृत सोच से हर वो मुसलमान परेशान है, जिनकी सोच में शहीद अब्दुल हमीद व अब्दुल कलाम है.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
सरिता निर्झरा
@sarita.shukla.37
Udaipur Murder Case: सेक्युलरिज्म के नाम पर ऐसे छला और मारा जा रहा है हिंदू...
सोशल मिडिया पोस्ट को आपत्तिजनक मानते हुए इस्लामिक कट्टरपंथ से सराबोर दो मुस्लिम युवकों ने उदयपुर के एक दर्जी कन्हैया लाल की हत्या कर दी. हिंदुस्तान सकते में हैं लेकिन बोलने की हिम्मत नहीं हो रही कि मारने वाले इस्लाम धर्म के कट्टरवादी हैं. ये खुलकर कहने में जाने कौन सा डर है?
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
उदयपुर के जिहादी हत्याकांड पर 'सेकुलर नेताओं' की सेलेक्टिव प्रतिक्रिया
उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल (Udaipur Hindu Tailor Murder) की मुस्लिम जिहादियों द्वारा की गई हत्या पर सियासी दलों के सेकुलर नेताओं (Secular leaders) की शब्दावली कुंद पड़ गई है. लेकिन, हिंदुओं और हिंदू धर्म पर बोलने में इन नेताओं में हिचकिचाहट (Selective reaction) नजर नहीं आती है.
सोशल मीडिया
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
मोहम्मद जुबैर के 'समर्थक' इन तर्कों को कैसे काटेंगे?
ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) की गिरफ्तारी को उनके समर्थक लोकतंत्र के खिलाफ बता रहे हैं. लेकिन, सोशल मीडिया (Social Media) पर जुबैर की गिरफ्तारी के पक्ष में दिए जा रहे तर्कों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. क्योंकि, ताली कभी एक हाथ से नहीं बजती है.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
धार्मिक भावनाओं पर ज्ञान देने वाली 'भावनाएं' जुबैर की गिरफ्तारी से आहत क्यों हैं?
बात तो शुरू होती है 'फ्री स्पीच' से. यदि मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) बेगुनाह हैं, तो नुपुर शर्मा भी हैं. और यदि धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है, तो दोनों गुनाहगार हैं. किसी एक के खिलाफ सख्ती तो किसी के खिलाफ नरमी बरतने की वकालत कैसे की जा सकती है?