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समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
अनन्या पांडे के सिगरेट पीने से हम आहत क्यों न हों?
अनन्या पांडे सिगरेट पी रही हैं तो आप कह देंगे कि उनकी लाइफ है हमें क्या? मगर मान लीजिए कल को आपकी बेटी या बहन सिगरेट पीने लगे तो क्या आप यही कहेंगे कि तुम्हारी जिंदगी है तुम जानो? और फिर उन युवाओं का क्या जो अनन्या पांडे को फॉलो करते हैं. उन्हें अपना आइडियल मानते हैं.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
एडिक्शन का दोहन ही है सिगरेट के दाम बढ़ाना...
सिगरेट के दाम बढ़ाना जनहित में नहीं, सिर्फ राजस्व बढ़ाने के लिए है. जनहित तो तब होता जब सिगरेट को बैन कर दिया जाता. जब कभी भी बैन की दिशा में कदम उठा भी है तो केस अगेंस्ट बैन बन ही जाता है. पता नहीं कौन से निहित स्वार्थ सक्रिय हो जाते हैं...
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
तो क्या जनहित में हर सिगरेट पर चेतावनी को और मजबूती से नहीं लिखा जा सकता?
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने धूम्रपान की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 करने और खुले में सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश देने की याचना करने वाली वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट के इस फैसले के बाद तमाम सवाल हैं जो उठ रहे हैं.
सोशल मीडिया
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
Kaali Poster Controversy: काली विचित्र हैं या नहीं, लेकिन लीना 'विकृत' जरूर हैं!
विवादित काली फिल्म को बनाने वाली लीना मनिमेकलाई ने फिर से एक विवादित ट्वीट पोस्ट किया और कहा है कि, 'मेरी काली क्वीर हैं. वह पूंजीवाद को नष्ट करती हैं. लीना का ये ट्वीट करना भर था सोशल मीडिया पर लोगों को एक बार फिर से बहस का मौका मिल गया है. ट्वीट के बाद इतना तो साफ़ है कि लीना विकृत जरूर हैं.
सोशल मीडिया
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
सिगरेट वाली काली के पोस्टर का बचकाना बचाव है बीड़ी पीते 'शिव-पार्वती'!
एक एजेंडे के चलते अपनी दलीलों से लीना मनिमेकलाई देश को, देश की जनता को और हर उस आदमी को बेवकूफ बना रही है जो ईश्वर में यकीन रखता है. जिसके लिए आस्था दिल के करीब है.
ह्यूमर
| 3-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
गंगा-जमनी तहजीब तो तब लगे जब मुसलमान भी काली पोस्टर से आहत हों!
रसूल कंट्रोवर्सी पर आहत मुसलमान याद रखें कि वो फिल्म वाले जो आज मां काली को सिगरेट पीते और LGBTQ का झंडा पकड़े दिखा रहे हैं, कल को वही रसूल की शान में भी गुस्ताखी कर सकते हैं. हो सकता है कल कोई फिल्म डायरेक्टर आए जो रसूल या फिर सहाबा को सिगरेट पीते और LGBTQ का झंडा पकड़े दिखा दे.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
सरिता निर्झरा
@sarita.shukla.37
Kaali Poster Controversy: अभिव्यक्ति की आज़ादी पर केवल हिन्दू धर्म की बलि क्यों?
धर्म का प्रेम, जूनून बन किस किस रूप में आता है इसके बारे में अब तो बताने की आवश्यकता नहीं है. हिन्दू धर्म तो यूं भी अपने देश में पुराने समय से रौंदे जाने के लिए बना है. इसका मखौल बाहर वालों से ज्यादा अपनों ने उड़ाया है. अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर केवल हिन्दू देवी-देवता ही क्यों?
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
अनु रॉय
@anu.roy.31
अफसोस ये है कि मां Kaali को सिगरेट पीते एक औरत ने ही दिखाया है!
मां काली को सिगरेट पीते दिखाना धार्मिक भावनाओं को आहत करने से कहीं ज़्यादा बड़ी बात है. दुनिया के करोड़ों लोग जो भी हिंदू धर्म को मानते हैं उनके लिए काली शक्ति का स्वरूप है. ये पोस्टर उस शक्ति पर प्रहार है. फ़ेमिनिजम तो ये बिलकुल नहीं है. क्योंकि जो पहले से शक्तिशाली है, आप उस स्त्री की शक्ति को कम करके दिखा रही हैं.
सोशल मीडिया
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
Kaali poster: हिंदुओं को अपनी भावनाओं को स्थायी रूप से छुट्टी पर भेज देना चाहिए
वामपंथी विचारधारा के लोगों ने हिंदू धर्म के खिलाफ ऐसे हेट प्रोपेगेंडा फैलाने का ठेका ले रखा है. लीना मनिमेकलाई (Leena Manimekalai) भी इनसे अलग नही हैं. उन्हें मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी से दिक्कत होती है. लेकिन, मां काली को सिगरेट पीते (Kaali Movie Poster shows Goddess Smoking) हुए दिखाना उनके लिए रचनात्मक स्वतंत्रता का हिस्सा है.