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ह्यूमर
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
नीट पानी पीने का नुकसान तो भगवंत मान को झेलना ही था!
पंजाब की सेवा करने के लिए और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के अनुरोध पर भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने शराब पीना लंबे वक्त पहले छोड़ दिया था. लेकिन, इसका बुरा असर उन पर पड़ा है. और, नदी से नीट पानी पीने (Water) के चलते भगवंत मान को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराना पड़ गया.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
Yamuna Pollution: कुमार विश्वास के तंज को सिर्फ केजरीवाल से जोड़ना बेमानी है
पूरा विश्व इस समय कोरोना वायरस महामारी और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) की चुनौतियों से जूझ रहा है. छठ महापर्व के मौके पर यमुना में प्रदूषण (Pollution) की तस्वीरें लगभग हर मोबाइल स्क्रीन पर पहुंची होंगी. हजारों लोगों ने टीवी चैनलों पर भी यमुना के प्रदूषण को देखकर चिंता जताई ही होगी.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
Kejriwal Guarantee Card का आइडिया अच्छा है, लेकिन केजरीवाल का भरोसा नहीं
नये स्लोगन - 'अच्छे बीते पांच साल, लगे रहो केजरीवाल' के बाद आम आदमी पार्टी के लिए केजरीवाल ने एक और नया आइडिया पेश किया है - 'केजरीवाल गारंटी कार्ड' (Arvind Kejriwal Guarantee Card). उम्मीद तो की जा सकती है, 2015 के चुनावी वादों (Delhi election Poll Promises) की जमीनी हकीकत को देखते हुए यकीन कैसे हो?
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
जब तक जनता आस्थावान है, सरकारें भगवान बनी रहेंगी!
दिल्ली से छठ पूजा की कुछ तस्वीरें वायरल हुई हैं जिनमें महिलाएं यमुना के गंदे बदबूदा पानी में खड़ी हैं. गंदे पानी में महिलाओं का इस तरह खड़े होना ये बताता है कि जब बात आस्था की आती है तो हम बड़ी से बड़ी चूक को इग्नोर कर जाते हैं. जिसका फायदा सरकारें उठाती हैं.
संस्कृति
| बड़ा आर्टिकल
आर.के.सिन्हा
@RKSinha.Official
नदियों का अपमान करना हम कब बंद करेंगे ?
पिछले तीन दशकों से गंगा को निर्मल करने का कार्य चल रहा है. लेकिन इसमें अपेक्षित सफलता नहीं मिली. लगता है कि सरकार भले ही इसे स्वच्छ करने के संबंध में प्रयासरत है, पर जनता कोई बहुत गंभीर नहीं है.
सोशल मीडिया
| 2-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
देखें वीडियोः 'जिया धड़क-धड़क' गाने पर झूमते श्री श्री रविशंकर को!
आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो को लेकर एक बार से सुर्खियों में है, आखिर क्या है इस वीडियो में जानिए.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
सत्येंद्र प्रसाद श्रीवास्तव
@satyendraprasad.srivastava
‘अर्थ डे’ पर नदी की बात, क्योंकि नदी बचेगी तभी धरती बचेगी
धरती का करीब 71 फीसदी हिस्सा पानी है, फिर बूंद-बूंद पानी को क्यों मुहताज हैं हम? आखिर कौन पी गया धरती का सारा पानी? शायद ये सवाल पूछने का हक इंसान को है ही नहीं, क्योंकि इस अभूतपूर्व संकट के लिए वही जिम्मेदार है.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
आर.के.सिन्हा
@RKSinha.Official
क्यों खलनायक बनाया श्री श्री रविशंकर को?
श्रीश्री रविशंकर को करीब से जानने वालों को मालूम है कि उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में वास्तव में बहुत ही ठोस और जमीनी कार्य किए हैं. उनके कार्यों की निष्पक्षता से अवलोकन करने की जरूरत थी.
संस्कृति
| 6-मिनट में पढ़ें
डॉ. कपिल शर्मा
@delhi.kapilsharma
हरियाली के नाम पर हल्ला मचाने वालों..यमुना को जीने दो
आज हम भूल गए हैं कि नदी को भी सहारा चाहिए होता है. उसे भी सामीप्य की जरूरत होती है. इसीलिए तो नदियों के तटों पर उत्सव मनाए जाते थे. घाटों पर मेले लगते थे. आनंद होता था. लोग नदी से जीवन पाते थे और नदी लोगों से अपनापन. लेकिन अब क्या है?