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सन्नी कुमार
sunny.kumar.125
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सिनेमा
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सन्नी कुमार
@sunny.kumar.125
भोजपुरी इंडस्ट्री में अश्लीलता के 'दुष्चक्र' के सूत्रधार हम खुद हैं!
भोजपुरी इंडस्ट्री में अश्लीलता और नग्नता को लेकर भले ही कितनी बड़ी बड़ी बातें क्यों न कर ली जाएं, ये हिट ही रहेंगी. क्योंकि इस पर ऐतराज करने वाले तो मुट्ठीभर हैं, जबकि मोबाइल फोन पर चटकारे लेकर इस फूहड़ता और नग्नता को निहारने वाली आंखें करोड़ों में हैं.
सिनेमा
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4-मिनट में पढ़ें
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सन्नी कुमार
@sunny.kumar.125
Bhojpuri Music: भाषा, अश्लीलता और नैतिक बोझ पर बात तो होनी ही चाहिए
भोजपुरी संगीत का बोलबाला है अब सवाल ये है कि क्या भोजपुरी गीतों में अश्लीलता नहीं है, उसकी आलोचना नहीं की जानी चाहिए? की जानी चाहिए. लेकिन उसका दोष अपने माथे पर नहीं मढ़ लेना चाहिए. समुदाय के ऊपर भी नहीं.
समाज
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2-मिनट में पढ़ें
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सन्नी कुमार
@sunny.kumar.125
आम फलों का राजा हो न हो, आमों का राजा तो मालदह है!
गर्मियां शुरू होते होते फलों का राजा आम बाजार में दस्तक देने लगता है. यूं तो तरह तरह के नाम हैं मगर जब बात मिठास की आती है तो मालदह की किसी से कोई टक्कर नहीं है. कह सकते हैं जो मालदह का नहीं हुआ वो किसी का नहीं हो सकता. इसकी खासियत ये है कि मालदह चमकीला लाल-पीला रंग धारण कर भ्रम भी नहीं फैलाता.
सिनेमा
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सन्नी कुमार
@sunny.kumar.125
रामकृपाल बाबू एक बार जवानी में ठगाए थे, अब 'ठग्स ऑफ हिंदुस्तान' से...
'पायरेट्स ऑफ कैरीबियन' बोल के 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' दिखा दिया. कंपाउंडर मरहम पट्टी करे वही ठीक है लेकिन उससे ऑपरेशन करवाइयेगा त जान जाएगा ही. रसगुल्ला में एतना सेंट मार दिया कि ना खाया गया एक्को.
सियासत
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सन्नी कुमार
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मनुस्मृति जलाने से लेकर लेनिन की मूर्ति ढाहने तक...
त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति गिराए जाने के बाद विरोध शुरू हो गया है. मगर जो लोग विरोध कर रहे हैं उन्हें ये जान लेना चाहिए कि राजनीति में बिना स्वार्थ के कुछ नहीं होता. त्रिपुरा में भी मूर्ति के लगने से लेकर मूर्ति के गिरने तक केवल राजनीति ही थी.
सियासत
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सन्नी कुमार
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त्रिपुरा परिणाम और क्रांति की गप हांकते क्रांतिकारी कॉमरेड!
त्रिपुरा में वाम का गढ़ गिरने के बाद वामपंथियों के बीच चिंतन शुरू हो गया है. मगर ये अपने आपमें दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस चिंतन का नतीजा हमेशा की तरफ भविष्य में भी सिफर ही निकलने वाला है.
समाज
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सन्नी कुमार
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छुट्टी न लेना सामाजिक अपराध है
आज जिस परिवेश में हम रह रहे हैं हमारे पास सब कुछ है सिवाए समय के. समय ही वो कारण है जिसके चलते हमारा पारिवारिक जीवन अस्त व्यस्त होता चला जा रहा है.
समाज
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सन्नी कुमार
@sunny.kumar.125
...क्योंकि बीएचयू नफरत की जगह नहीं है !
बाहरी नजर से यह ‘हिंदू' विश्वविद्यालय लगता है लेकिन जो अंदर हैं वो जानते हैं कि ये जितना हिंदू है उतना ही मुसलमान भी. यह प्यार करने की जगह है नफरत बोने की नहीं.
समाज
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सन्नी कुमार
@sunny.kumar.125
हिंदी सहित हरेक भाषा का संरक्षण आवश्यक
यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी भाषा को अनुचित तौर पर कोई लाभ न पहुंचाया जाए और सिर्फ भाषा के नाम पर कोई भेदभाव न हो, जरूरत है हिंदी को एक ऐसी भाषा बनाने की जो आधुनिक समय की अपेक्षाओं को पूरा कर सके.
समाज
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सन्नी कुमार
@sunny.kumar.125
सेवक नहीं ये तो ‘अहंकारी’ साहब है!
जब जनता स्वयं यह स्वीकार कर रही है कि वो निम्न है तो कोई अफसर क्यों खुद को बराबर समझेगा? यही कारण है निरंतर इन सेवकों और जनता के बीच दूरी बढ़ती जा रही है.
सियासत
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सन्नी कुमार
@sunny.kumar.125
कन्हैया क्यों रोहित वेमुला को आदर्श मानता है
यह कोई वैचारिक परिवर्तन के कारण हुआ नहीं लगता है बल्कि इसके मूल में वर्तमान जातिगत लामबंदी और वामपंथ का लगभग अस्ताचल हो जाना लगता है. वामपंथी पार्टियों का जनाधार लगातार कमजोर हो रहा है जिसे वो जाति के खूंटे में बांधकर...
समाज
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सन्नी कुमार
@sunny.kumar.125
गांव को सिटी मत बनाइए
गाँव अपने स्वभाव में ही सामुदायिक होते हैं क्योंकि वहां प्रत्येक व्यक्ति के पास इतना अधिक संसाधन नहीं होता कि वह स्वंय ही सभी आवश्यकताओं की पूर्ति कर ले. इसलिए परस्पर सहयोग के माध्यम से ग्रामीण जीवन शैली संचालित होती रही है.