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संस्कृति
| 5-मिनट में पढ़ें
vinaya.singh.77
@vinaya.singh.77
अंबुबाची मेला : आस्था और भक्ति का मनोरम संगम!
अंबुबाची जैसे मेले न सिर्फ लोगों को श्रद्धा से भर देते हैं बल्कि इनसे कुछ दुकानदारों की आजीविका भी चल जाती है. और अपनी लोक संस्कृति को बचाकर रखने के लिए ऐसे स्थानीय पर्व, जो अब ग्लोबल होते जा रहे हैं, बहुत आवश्यक हैं.
सिनेमा
| 3-मिनट में पढ़ें
नवेद शिकोह
@naved.shikoh
Adipurush Controversy : आज के मुंतशिर से बेहतर थे कल के रज़ा
आज पक्के सनातनी होने का बार-बार दावा करने वाले संवाद लेखक मनोज मुंतशिर भी शायद सनातनियों की भावनाओं को नहीं समझ पाए हैं. रामायण के प्रसंगों और हनुमान के चरित्र को चरितार्थ करते हुए उन्होंने जिन फूहड़ संवादों का मुजाहिरा किया है वो कई मायनों में आहत करने वाले हैं.
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
नवेद शिकोह
@naved.shikoh
धार्मिक पाखंडियों के लिए किसी सुनामी से कम नहीं हैं 'सुहानी'...
सुहानी ने पूरे इंटरनेट पर तहलका मचाया हुआ है. सुहानी फेस रीडिंग में दक्ष है.वो लोगों के मन को पढ़ने के चमत्कार दिखा रही है. वो इस मनोविज्ञान या चमत्कार को कला कहती हैं.ऐसी कला में दक्ष बाबा, स्वामी, तांत्रिक, मौलाना,रम्माल या ईसाई धर्म गुरु लाखों-करोड़ों का दिल जीत लेते हैं. उनके दर्शन करने, उन्हें सुनने और उनके चमत्कार देखने हजारों लोग आते हैं.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
बदले बदले से, सहमे सहमे से क्यों नजर आते हैं पारसनाथ?
उग्र होना तो इस समाज का स्वभाव नहीं था, ना ही घमंड करना. फिर क्यों जगह जगह जैन समुदाय के लोग जुलूस निकाल रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे हैं और नारे बुलंद कर रहे हैं कि 'गली गली में नारा है शिखर जी हमारा है!'
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
मामला बस तब तक ही ठीक था जब तक जलेबी वाला बाबा ठेले पर जलेबियां तल रहा था!
फतेहाबाद की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने टोहाना में फेमस जलेबी बाबा, बिल्लूराम उर्फ अमरपुरी को सेक्स स्कैंडल मामले में दोषी माना है. कोर्ट ने बाबा को जहां 14 साल कैद की सजा सुनाई वहीं बाबा पर 35 हजार रूपये का जुर्माना भी ठोंका गया. मामले में कोर्ट का फैसला कुछ भी हो लेकिन बाबा तब तक ही ठीक था जब तक वो जलेबियां तल रहा था.
सिनेमा
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
ओम के तर्क बचकाने हैं, आदिपुरुष सिर्फ स्पाइडरमैन-आयरन मैन का दीवाना युवा नहीं देखेगा!
एक ऐसे समय में जब तथ्यों से छेड़छाड़ करने के कारण आदिपुरुष आलोचकों के निशाने पर है. फिल्म और मच रहे बवाल पर अपना पक्ष रखने के लिए निर्देशक ओम राउत सामने आए हैं. ओम ने अपनी गलती को जस्टिफाई करने की नाकाम कोशिश करते हुए फिल्म की तुलना स्पाइडर मैन और आयरन मैन से की है.
सोशल मीडिया
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
Kaali Poster Controversy: काली विचित्र हैं या नहीं, लेकिन लीना 'विकृत' जरूर हैं!
विवादित काली फिल्म को बनाने वाली लीना मनिमेकलाई ने फिर से एक विवादित ट्वीट पोस्ट किया और कहा है कि, 'मेरी काली क्वीर हैं. वह पूंजीवाद को नष्ट करती हैं. लीना का ये ट्वीट करना भर था सोशल मीडिया पर लोगों को एक बार फिर से बहस का मौका मिल गया है. ट्वीट के बाद इतना तो साफ़ है कि लीना विकृत जरूर हैं.
सोशल मीडिया
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
सिगरेट वाली काली के पोस्टर का बचकाना बचाव है बीड़ी पीते 'शिव-पार्वती'!
एक एजेंडे के चलते अपनी दलीलों से लीना मनिमेकलाई देश को, देश की जनता को और हर उस आदमी को बेवकूफ बना रही है जो ईश्वर में यकीन रखता है. जिसके लिए आस्था दिल के करीब है.
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
वैष्णो देवी हादसा, 2022 की इससे बुरी शुरुआत नहीं हो सकती!
ओमिक्रॉन की चेतावनी के बीच हम मानस बना ही रहे थे कि 2022 में हमारा जीवन कैसा होगा, ऐसे में वैष्णोदेवी से बुरी खबर आना झटका देने लायक है. एक तरफ कोविड गाइडलाइन, संयम बरतने की जिम्मेदारी है, तो दूसरी तरफ आस्था के नाम पर भीड़ का जुटना और 12 लोगों का कुचला जाना. कहां जा रहे हैं हम?