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सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
योगी की तो नहीं, लेकिन टिकैत बंधुओं की कुर्सी जरूर 'कोको' ले गई!
टिकैत बंधुओं के दबदबे वाले भारतीय किसान यूनियन (BKU) से अलग होकर असंतुष्ट गुट ने एक नया संगठन बना लिया है. दावा है कि ये अराजनीतिक संगठन केवल किसानों की समस्याओं को उठाएगा. जबकि, राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) और नरेश टिकैत (Naresh Tikait) यूपी चुनाव के दौरान खुलकर अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के पक्ष में खड़े हो गए थे.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
टिकैत फॉर्मूला पर बिकने लगा गेंहू, तो गरीबों को नहीं नसीब होगी रोटी!
राकेश टिकैत ने आजतक के विशेष कार्यक्रम 'सीधी बात' में वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला से बातचीत में कहा कि '3 क्विंटल गेहूं (300 किलोग्राम) की कीमत 1 तोले (10 ग्राम) सोने के बराबर कर दी जाए.' मैं तो सोच रहा हूं कि मोदी सरकार ने किसान आंदोलन शुरू होने से पहले राकेश टिकैत (Rakesh Tikait MSP formula) से संपर्क क्यों नहीं किया?
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
राकेश टिकैत तेजी से 'हार्दिक पटेल' बनने की ओर अग्रसर हैं!
राकेश टिकैत भी आजकल 'पगड़ी' पहने हुए नजर आने लगे हैं. किसान आंदोलन की कमान पंजाब के किसानों के हाथों से छूटकर राकेश टिकैत के हाथ में आ जाने के बाद से ही उन्होंने पगड़ी को धारण कर लिया था. कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस, राकेश टिकैत को आगे रखकर पंजाब और उत्तर प्रदेश दोनों को एक साथ साध रही है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
Farmers protest: सड़क रोक देना लोकतांत्रिक है, तो इंटरनेट बैन क्यों नहीं?
सोशल मीडिया पर 'इमोशनल ट्रैप' सबसे भयावह चीज माना जा सकता है. अफवाहों को फैलाने के लिए इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन से जुड़े पेजों पर जब ये तस्वीर और वीडियो वायरल हुए होंगे, तो क्या किसानों का गुस्सा और नहीं भड़का होगा. क्या आप इस संभावना को पूरी तरह से दरकिनार कर सकते हैं.
सियासत
|
एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
किसानों के चक्का जाम से पहले नेताओं के इन शर्तों पर हस्ताक्षर कराए जाने चाहिए!
अगर चक्का जाम (Kisan chakka jaam) में किसी की जान चली गई तो क्या उसकी जिम्मेदारी किसान नेता लेंगे. कहीं एंबुलेंस फंस गई या झड़प हो गई तो?
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
कथित किसानों का इरादा 'दिल्ली फतेह' करना हो, तो राजधानी की हिफाजत क्यों न हो?
चक्का जाम की वजह से फिर अराजकता और हिंसा न फैले इसके लिए दिल्ली पुलिस ने सीमाओं पर 6 लेयर बैरिकेडिंग की है. जिसमें कंटीले तार, सीमेंट ब्लॉक, रोड पर नुकीली कीलें लगाई गई हैं. इतने भारी सुरक्षा इंतजामों की जरूरत क्यों पड़ रही है, इस सवाल का जवाब 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा माना जा सकता है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
चुनावी और किसान राजनीति के बीच की जमीन पक्की करते राकेश टिकैत
चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के निधन के बाद खाप से जुड़े नियमों की वजह से उनके बड़े बेटे नरेश टिकैत को भारतीय किसान यूनियन का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. वहीं, राकेश टिकैत को प्रवक्ता पद दिया गया. सतही तौर पर इन दोनों भाईयों के बीच दूरी नजर नहीं आती है. लेकिन, भीतर ही भीतर अपना अपना वजूद बनाने की लड़ाई भी जारी है.