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सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
अमित पांडेय
'सेक्युलरवाद' के जरिए राजनीतिक पार्टियों का फायदा तो है!
भारतीय सेक्युलरवाद दैवी बनाम सांसारिक न हो कर सर्वधर्मसमभाव का है. यह बहुलता के प्रति सहनशीलता और राज करने के नियमित सिद्धांत के रूप में मान्यता देने का है. पर भारतीय और पश्चिमी सेक्युलरवाद में फर्क करने का मतलब यह नहीं है कि हम राज्य की सेक्युलर पहचान पर ही सवाल उठाना शुरू कर दें.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
हिन्दू त्योहारों पर रोक लगाने वाली याचिका क्या नजरअंदाज की जा सकती है?
पिछले दिनों मद्रास हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. मामला इसलिए सबकी नज़रों में आया क्योंकि एक इलाके में रहने वाला बहुसंख्यक मुस्लिम समाज लोगों की धार्मिक आजादी और वहां के रीति रिवाज तय करना चाह रहा था.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर'
@siddhartarora2812
Freedom Of Speech का सबसे वीभत्स चेहरा तो शायर मुनव्वर राणा निकले!
एक जाना पहचाना चेहरा होने के बावजूद जिस तरह का बयान शायर मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) ने फ्रांस (France) मामले पर दिया है वो ये साफ़ बताता है कि उन पर कट्टरपंथ बुरी तरह हावी है और उनका असली चेहरा सांप्रदायिक है जो हत्या और सांप्रदायिक हिंसा (सांप्रदायिक हिंसा) का पक्षधर है.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर'
@siddhartarora2812
Farmer Protest को हथियार बनाकर तस्वीरों के जरिये देश तोड़ने की कोशिश फिर हुई है!
इंटरनेट (Internet) पर एक तस्वीर वायरल (Viral Photo) हो रही है जिसमें पंजाब में कृषि बिल (Farm Bill) को लेकर प्रदर्शन कर रहे सिख समुदाय (Sikh Community) के लोगों को कुछ मुस्लिम युवकों (Muslim) ने लंगर के जरिये खाना खिलाया है. तस्वीर को शाहीन बाग (Shaheenbagh) से जोड़कर एक बार फिर देश को बांटने वाला काम कर दिया गया है.
सियासत
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कर्निका कहेन...
| 3-मिनट में पढ़ें
कनिका मिश्रा
@cartkanika
राष्ट्रपति की चिंता बेवजह नहीं है...
आज पूरा देश अराजकता की आग में जल रहा है, हैवानियत का नंगा नाच अपने चरम पर है और देश से लॉ और आर्डर का साया उठता हुआ दिख रहा है. अपराधी देशप्रेमी होने का स्वांग धर रहे हैं और गुंडे देश की संस्कृति के रखवाले बन गए हैं.
समाज
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बात की बात...
| 3-मिनट में पढ़ें
धीरेंद्र राय
@dhirendra.rai01
न कलाम से गौरवान्वित हैं मुस्लिम, न याकूब से शर्मसार
एपीजे अब्दुल कलाम एक भावना है, जो हमेशा अमर रहेगी. तो याकूब सिर्फ एक खबर. जो गुरुवार को ही खत्म हो जाएगी. हिंदू और मुस्लिम दोनों के लिए.
सोशल मीडिया
| 1-मिनट में पढ़ें
मार्कंडेय काटजू
@justicekatju
"हिंदू चाहते थे याकूब की फांसी, मुस्लिम नहीं"
भारतीय समाज काफी हद तक साम्प्रदायिक हो गया है. मेरा अनुमान है कि आज 80 से 90 प्रतिशत हिंदू सांप्रदायिक (मुस्लिम विरोधी) हैं और 80 से 90 प्रतिशत मुसलमान भी सांप्रदायिक हो रहे हैं.
समाज
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बात की बात...
| 3-मिनट में पढ़ें
धीरेंद्र राय
@dhirendra.rai01
ओबामा जी, बाल्टीमोर के दंगों से हम क्या सीखें !
बाल्टीमोर के दंगों की विभीषिका चौंकाने वाली है. अमेरिका में सिविल राइट्स मूवमेंट के 50 साल बाद भी रंगभेदी मानसिकता जस की तस है.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
परवेज़ सागर
@theparvezsagar
साम्प्रदायिक ताकतों के निशाने पर हैं युवा
चुनाव के दौर में अक्सर धर्म के नाम पर वोटों का ध्रुवीकरण किए जाने की कोशिश होती है. लेकिन अब देश में धर्म के नाम पर युवाओं का ध्रुवीकरण भी किया जा रहा है.