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समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
आनंद प्रधान
Book Review: एक सूरज स्याह सा: अन्तर्मन की कहानियां
Ek Suraj Syah Sa Book Review : 'एक सूरज स्याह सा: अन्तर्मन की कहानियां' किताब उन घर-परिवारों की कहानियां अपने में समेटे है जहां महिला किरदार अदृश्य नहीं हैं और चुपचाप एक बड़े बदलाव को रच-गढ़ रही हैं.
संस्कृति
| 3-मिनट में पढ़ें
नवेद शिकोह
@naved.shikoh
नवाब मीर जाफर की मौत ने तोड़ा लखनऊ का आईना...
मीर जाफर अब्दुल्ला की मौत से पूरा लखनऊ सूना हो गया है. मीर जाफर अब्दुल्ला सिर्फ एक नाम नहीं था ये एक तहज़ीब थे,तहरीक थे, एक तारीख़ थे. वो लखनऊ के नवाबों की सांस्कृतिक विरासत संजोने वाले नवाबीन दौर के नुमाइंदे ही नहीं थे बहुत कुछ थे. वो शहर-ए-लखनऊ की पहचान थे. इतिहासकार, किस्सागो, रंगकर्मी और फिल्म कलाकार भी थे.
संस्कृति
| 6-मिनट में पढ़ें
सैयद तौहीद
@8187076694635826
होली के निराले त्योहार को लेखकों ने कुछ ऐसे व्यक्त किया...
होली तमाम दायरों को तोड़ने की ताकत रखने वाला पर्व है. एक दूसरे की संस्कृति को गहराई में उतर कर देखने पर समावेश को महसूस किया जा सकता है. होली सामाजिक समावेश के अनोखे त्योहार के रूप में देखी जाती है.
समाज
| 1-मिनट में पढ़ें
Udayvir Singh
एक कविता- देश की धरोहर युवा
इस कविता में युवाओं को सफलाता पाने के उपायों और देश के लिए उनकी जिम्मेदारी तथा मन को कंट्रोल करने के बारे मे बताया गया है.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
लोकेन्द्र सिंह राजपूत
@5745259062180641
हमारे देश का राष्ट्रवाद पश्चिमी देशों से कितना अलग है?
Nationalism and Politics in India: भारत का राष्ट्रवाद दुनिया के दूसरे देशों के राष्ट्रवाद से अलग है. पश्चिम का राष्ट्रवाद बहुत नया है और यह राजनीति पर केंद्रित है. जबकि भारत का राष्ट्रवाद सनातन है और यह राजनीति पर नहीं, बल्कि संस्कृति केंद्रित है.
समाज
| 1-मिनट में पढ़ें
Mitali Ahuja
कविता: ज़िंदगी भी गणित की एक मास्टर है...
क्या ज़िंदगी भी गणित के उलझे या अनसुलझे सवालों की तरह है? क्या जीवन में भी पाने और खोने का हिसाब रखना पड़ता है. आइये एक कविता के जरिये इन तमाम सवालों के जवाब तलाश करने की कोशिश की जाए.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
Mohit Dwivedi
अगर प्यार इंसान की शक्ल लेता तो उसका चेहरा अमृता प्रीतम के जैसा होता...
पद्मविभूषण,साहित्य अकादमी और ज्ञानपीठ पुरस्कार से अलंकृत महान लेखिका, कवयित्री अमृता प्रीतम जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुये, उनके जीवन व उनके जीवन पर निर्देशित नाटक एक है अमृता का वृतांत.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
श्वेत कुमार सिन्हा
@409932558004725
अच्छा... तो बताओ तुम बड़े होकर क्या बनोगे?
हम अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, जज या कलक्टर बनने की बात तो बता देते हैं. पर उससे भी पहले जो जरूरी बात है वो बताना शायद भूल ही जाते हैं. जी हां सही सुना आपने। हम अपने बच्चों को बताना भूल जाते हैं कि ज़िन्दगी में और कुछ बनने से पहले एक अच्छा इंसान बनना ज्यादा जरूरी है.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
श्वेत कुमार सिन्हा
@409932558004725
क्यों एक महिला चपरासी की सेवानिवृत्ति दफ्तर में सभी के बीच कौतूहल का विषय थी?
फिर थोड़ी देर में विदाई समारोह समाप्त हुआ. ऑफिस के सभी लोगों ने भींगी आंखों से सुशीला को विदा किया. सुशीला को साथ लिए उसके तीनों बच्चे वापस घर की ओर रवाना हो गए. उनके पीछे-पीछे पुलिस का कारवां भी चल पड़ा, जिसे ऑफिस के सभी स्टाफ अपनी खिड़की से देख रहे थे.