X
Login
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
Login With Facebook
iChowk
Aaj Tak
বাংলা
Aaj Tak Campus
GNTTV
Lallantop
India Today
Business Today
Cosmopolitan
Harper's Bazaar
Reader's Digest
Northeast
Malayalam
Sports Tak
Crime Tak
Astro Tak
Gaming
Brides Today
Ishq FM
सियासत
समाज
संस्कृति
स्पोर्ट्स
सिनेमा
सोशल मीडिया
इकोनॉमी
ह्यूमर
टेक्नोलॉजी
वीडियो
लॉगिन करें
मोबाइल नंबर
(+91)
Submit
or
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
*
OTP डालें
OTP फिर भेजें
OTP फिर भेजें
Submit
New
अपनी स्टोरी, कविता या कहानी साझा करें...
चर्चा में
महाराष्ट्र
औरंगजेब
ज्ञानवापी मस्जिद
कांग्रेस
राहुल गांधी
योगी आदित्यनाथ
यूपी विधानसभा चुनाव 2022
रूस यूक्रेन विवाद
नरेंद्र मोदी
पंजाब चुनाव
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022
अखिलेश यादव
ओमिक्रॉन वेरिएंट
ममता बनर्जी
कोरोना वायरस
अफगानिस्तान
ऑक्सीजन
पश्चिम बंगाल चुनाव 2021
कोरोना वैक्सीन
किसान आंदोलन
भारत-चीन
अमित शाह
प्रियंका गांधी
टीम इंडिया
विराट कोहली
अरविंद केजरीवाल
अरुण जेटली
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
नाज़िश अंसारी
@naaz.ansari.52
Hijab पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले ने पितृसत्ता को और मज़बूत किया है, वजहें तमाम हैं
Karnataka Highcourt on Hijab Row: हिजाब मामले पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया है. क्या इस फैसले के बाद कोर्ट यह सुनिश्चित करेगा कि बुर्का पहनने वाली तमाम औरतों को बुल्लिंग, टीज़िंग, हूटिंग, इशारेबाज़ी, और उन कुटिल मुस्कानो का सामना नहीं करना पड़ेगा जो आंखों ही आंखों से उन्हें जाहिल, निरक्षर, लड़ाका, गुलाम कहती समझती रही हैं.
समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 7-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
BulliBai App case mastermind श्वेता सिंह जैसों पर तरस खाने वाले आते कहां से हैं?
सुल्ली डील्स की तरह जब बुल्ली बाई ऐप (Bulli Bai App) पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर की नीलामी का पता चला तो हर तरफ इसकी चर्चा होने लगी. सभी को लगा कि ऐसी हरकत करने वाले कोई पुरुष ही हो सकता है.
सोशल मीडिया
| 5-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
Bullibai क्या है? कौन हैं जो इतनी गहरी और घिनौनी साजिश रचते हैं
सुल्ली डील्स के बाद बुल्ली बाई ऐप को लेकर विवाद देखने में आ रहा है. ऐप पर कई महिलाओं की पर्सनल जानकारी साझा कर उनकी बोली लगाईं गई है.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
तीन तलाक के दो मामले जिसमें पतियों ने हराम और हलाल की नई परिभाषा लिख दी
तीन तलाक के दो मामले बताते हैं कि मुस्लिम समाज में महिलाओं को अगर खुश रहना है तो अपने पति के मुताबिक ही चलना होगा. यहां शराब पीना और बुर्का पहनना किसी के लिए हराम है तो किसी के लिए हलाल.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
ईरान के हाथ एक फुटबॉल प्रेमी महिला के खून से रंगे हैं !
सहर की मौत ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है. खिलाड़ी हों या खेल के फैन्स हर कोई दुखी है. और अब उनका गुस्सा ईरान पर निकल रहा है. ईरानी सरकार के हाथ उस सहर के खून से रंगे दिखाई दे रहे हैं जिसका कसूर सिर्फ इतना था कि वो फुटबॉल का मैच देखना चाहती थी.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
तीन तलाक: एक सामाजिक मामले को धार्मिक बताकर राजनीतिक बनाने का खेल
कोई लाख कह ले कि तीन तलाक का मामला धार्मिक है, राजनीतिक नहीं लेकिन तीन तलाक पर सिर्फ राजनीति हो रही है. असल में मुस्लिम पुरुष जिनकी मां, बहन और बेटियां हैं वो वाकई ये चाहते हैं कि तीन तलाक पर कानून बने, क्योंकि अपनी बेटियों, बहनों और माओं के साथ हो रहे अत्याचारों को असल में वही करीब से देख पा रहे हैं.
सोशल मीडिया
| 6-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
शौहर को हिजाब में देखकर पाकिस्तानी सोशल मीडिया आग-बबूला हो गया!
लोगों को Gender equality के मायने समझाने के लिए एक पाकिस्तानी जोड़े ने जो किया वो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यहां शौहर ने हिजाब पहना है मगर बीवी ने नहीं. और इतनी सी बात लोगों को आग-बबूला करने के लिए काफी थी.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
5 महिलाएं, जो सालभर में क्रांति की मशाल बन गईं
आज बात करते हैं उन्हीं अद्भुत नायिकाओं के बारे में जिन्होंने औरों से हटकर वो काम किया जिसने उन्हें एक अलग पहचान दी. जिनका जज्बा ये बताता है की अगर हम चाहें तो हर नामुमकिन चीज़ को मुमकिन कर सकते हैं
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
कैसे ट्रिपल तलाक़ कानून पुरुषों के खिलाफ है, जबकि दहेज कानून नहीं!
कांग्रेस वादा कर रही है कि अगर वो सरकार में आई तो ट्रिपल तलाक़ रद्द कर देगी (एक और शाह बनो). बीजेपी इसे पास कराने पर अड़ी रही (पूरी तरह सियासत). लेकिन इन दोनों के बीच उन मुस्लिम महिलाओं के प्रति संवेदना का क्या,जिन्हें तलाक़-तलाक़-तलाक़ कहकर छोड़ दिया गया?