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अजीत कुमार मिश्रा
ajitmishra78
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लेखक पूर्व पत्रकार हैं और संस्था ShuddhSanatan.org के फाउंडर हैं.
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संस्कृति
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4-मिनट में पढ़ें
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अजीत कुमार मिश्रा
@ajitmishra78
गीता मय हुआ अमेरिका... कृष्ण को अपने भीतर उतारने का महाभियान
एसजीएस गीता फाउंडेशन और कृष्ण दत्त हनुमान मंदिर ने 19-21 जुलाई 2024 तक शिकागो, इलिनॉय के उपनगर हॉफमैन एस्टेट्स के एनओडब्ल्यू एरिना में अपने तीन दिवसीय गीता उत्सव का आयोजन किया. यह कार्यक्रम, भगवद गीता की शिक्षाओं के माध्यम से विश्व शांति को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखता है, इसमें भक्तों और आध्यात्मिक उत्साही लोगों की भारी भागीदारी देखी गई.
सियासत
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3-मिनट में पढ़ें
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अजीत कुमार मिश्रा
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वीपी सिंह: भारत के सियासी इतिहास का एक तिरष्कृत व्यक्तित्व
मंडल कमीशन की वजह से वीपी सिंह (VP Singh) के लिए सवर्णों (Upper Caste) के अंदर उनके लिए सम्मान नहीं बचा. ये तो बात समझ में आती है. लेकिन, क्या उनका आज तक इतना भी सम्मान नहीं किया जाना चाहिए था कि उनके नाम से ओबीसी समुदाय (OBC) के नेताओं के द्वारा किसी विश्वविद्यालय की स्थापना ही की जाती, उनकी कोई मूर्ति ही लगवाई जाती.
संस्कृति
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5-मिनट में पढ़ें
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अजीत कुमार मिश्रा
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क्या इस्लाम में भी है इंद्र, वरुण जैसे देवताओं की संकल्पना?
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार अल्लाह ने फरिश्तों को नूर या रौशनी से बनाया है. अगर हिंदू धर्म के अंदर देवताओं की संकल्पना को देखें तो यहां भी परम पुरुष परमेश्वर ने देवताओं को प्रकाश से ही बनाया है. देवता शब्द की व्युपत्ति दिव् धातु से हुई है जिसका अर्थ है प्रकाश. इस अर्थ में देवता प्रकाशमान ईश्वरीय सत्ता है ठीक उसी तरह जैसे फरिश्ते होते हैं.
समाज
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9-मिनट में पढ़ें
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अजीत कुमार मिश्रा
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शिवलिंग, ज्योतिर्लिंग, बुद्धलिंग और यमराज लिंग: अलग अलग प्रकार से होती है लिंग पूजा!
शैव मत के अनुसार शिव ही परम पुरुष हैं और पार्वती उनकी प्रधान प्रकृति या माया हैं इसलिए दोनों के संयोग को ही ज्योतिर्लिंग के रुप में भी दिखाया जाता है. लिंग का मूल अर्थ ही दृश्यमान होता है. अर्थात जब निराकार परमात्मा खुद को प्रकृति के साथ दृश्यमान या भौतिक रुप में प्रगट करता है तो उसे ज्योतिर्लिंग कहते हैं. इसे पुरुष जननांग समझने की भूल मत कीजिये.
सियासत
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3-मिनट में पढ़ें
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अजीत कुमार मिश्रा
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वर्ण व्यवस्था और छुआछूत पर गांधी और अम्बेडकर से बहुत अलग थे सावरकर
गांधी का कहना था कि रोटी - बेटी का संबंध (वर्ण व्यवस्था 'सही' है) पर छूआछूत 'गलत' है. अंबेडकर मानते थे कि जाति व्यवस्था शोषण का आधार है और छूआछूत गलत है. वहीं इन दोनों से इतर सावरकर की सोच थी कि वर्ण-व्यवस्था/ जाति व्यवस्था 'गलत' है और छूआछूत 'अपराध' है.
सियासत
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7-मिनट में पढ़ें
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अजीत कुमार मिश्रा
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क्या ज्ञानवापी मस्जिद नहीं, मंदिर है? क्या कहता है इतिहास...
कई प्राचीनतम हिंदू और सनातन पवित्र धार्मिक पुस्तकों में वाराणसी में एक अविमुक्त क्षेत्र की बात कही गई हैं, जहां विश्वेश्वर महादेव के नाम से एक स्वयंभू ज्योतिर्लिंग था. 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में अविमुक्तेश्वर महादेव या विश्वेश्वर महादेव का यह ज्योतिर्लिंग सर्वप्रमुख और सबसे ज्यादा पवित्र था.
संस्कृति
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9-मिनट में पढ़ें
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अजीत कुमार मिश्रा
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ईसा मसीह और हनुमान जी के जन्म की कथा एक जैसी है...
कहा जाता है कि ईसा मसीह कयामत तक चिरंजीवी रहेंगे. कुछ ऐसा ही हनुमान जी के साथ भी है. दोनों के जन्म की कथाओं में भी अद्भुत समानता है. महावीर हनुमान जी के जन्म की कथा जिस प्रकार से अद्भुत और दिव्य है, उसी प्रकार से ईसा मसीह के जन्म की कथा भी अद्भुत, दिव्य और रहस्यमय है. दोनों ही ईश्वरीय सत्ता के महान स्वरुप के रूप में पूजित होते हैं.
संस्कृति
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6-मिनट में पढ़ें
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अजीत कुमार मिश्रा
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सनातन फैक्ट्सः क्या हनुमान जी बंदर थे?
हनुमान जी का स्वरुप हमेशा ही चर्चा का विषय रहा है ऐसे में हमारे लिए हनुमान जी के स्वरुप पर बात कर लेनी भी बहुत जरूरी है. तो आइये जानें हनुमान जी के स्वरूप को लेकर क्या कहता है शोध और अध्ययन...
संस्कृति
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11-मिनट में पढ़ें
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अजीत कुमार मिश्रा
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Hanuman Jayanti: हनुमान जी का जन्म कहां हुआ? क्या वो अजन्मा हैं? क्या वो प्रगट हुए?
महावीर हनुमान जी (Hanuman) का जन्म किस स्थान पर हुआ था, इसको लेकर काफी मतभेद हैं. हनुमान जी के जन्म स्थान (Birth Place) को लेकर महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों के बीच काफी विवाद हैं. हर एक राज्य का कहना है कि हनुमान जी का जन्म उनके ही राज्य में हुआ था.
सियासत
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5-मिनट में पढ़ें
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अजीत कुमार मिश्रा
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कश्मीर फाइल्स या ब्राह्मण फाइल्स? बात तो होनी ही चाहिए...
अक्सर कश्मीरी ब्राह्मण ये तर्क देते हैं कि इतनी पीड़ा के बाद भी हममें से कोई आतंकी नहीं बना. ठीक है आप आतंकी नहीं बने लेकिन काश आप में से कोई परशुराम ही बन जाता तो आज द कश्मीर फाइल्स देख कर हमारी आंखों में आंसू नहीं होते.
सियासत
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अजीत कुमार मिश्रा
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The kashmir Files: 'हम देखेंगे...' नज्म की आत्मा में है कट्टरपंथी विचार- 'हम देख लेंगे'
द कश्मीर फाइल्स (The kashmir files) में फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की इस नज़्म के ज़रिए सेकुलरों और कट्टर इस्लामिकों के बीच के गठजोड़ को बेहतरीन तरीके से दिखा कर इसकी असलियत खोल दी है.
सियासत
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अजीत कुमार मिश्रा
@ajitmishra78
Bhagat Singh की शहादत का भारत में वामपंथी शोषण
भगत सिंह वामपंथी थे या नहीं ये पूरी तरह से कहा नहीं जा सकता. लेकिन वामपंथियों को जब लगा कि भगत सिंह को अपना बना कर पेश करने में उनकी भलाई है. तो वो भगत सिंह की तस्वीरों और उनकी जीवनी को इस तरह से पेश करने लगे जैसे भगत सिंह से बड़ा देश में कोई भी क्रांतिकारी पैदा ही नहीं हुआ था.